आंदोलन में शामिल एक और किसान ने की आत्महत्या, टिकरी बॉर्डर पर लगाई फांसी
क्या है खबर?
किसान आंदोलन में शामिल एक और किसान ने आत्महत्या कर ली है। हिसार के सिसाय गांव के रहने वाले 49 वर्षीय राजबीर सिंह ने रविवार को टिकरी बॉर्डर के पास एक पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
उनके पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को अपनी आत्महत्या की वजह बताया है। उन्होंने किसानों से कानूनों के रद्द होने तक वापस न जाने की अपील भी की है।
सुसाइट नोट
राजबीर ने सुसाइट नोट में लिखा- सरकार कानून ले, यही मेरी आखिरी इच्छा
राजबीर ने अपने सुसाइट नोट में लिखा है, "सरकार से मेरी हाथ जोड़कर विनती है कि मरने वाले की आखिरी इच्छा पूरी की जाती है तो मेरी आखिरी इच्छा यह है कि सरकार ये तीनों कृषि कानून वापस ले ले और किसानों को खुशी-खुशी घर भेज दे।"
किसानों से अपील करते हुए उन्होंने लिखा है, "MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी और तीनों कृषि कानूनों को वापस कराके घर जाना भाईयो।"
बयान
सरकार किसानों से खून मांग रही- राजबीर
राजबीर ने अपने नोट के अंत में लिखा, "ये सरकार किसानों से खून मांगती है और मैं सबसे पहले खून देता हूं। सिसाय वाले भाइयों से मेरी अपील है कि अपना हक लेके जाएं।" उन्होंने सुसाइट नोट के अंत में मोबाइल नंबर भी लिखे हैं।
किसान आत्महत्या
आंदोलन के दौरान कई किसान कर चुके हैं आत्महत्या
बता दें कि किसान आंदोलन के दौरान अब तक कई किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
इससे पहले दिसंबर की शुरूआत में राम सिंह नामक एक 65 वर्षीय सिख संत ने सिंघू बॉर्डर के पास खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। इसके कुछ दिन बाद एक 22 वर्षीय किसान ने भी बठिंडा में प्रदर्शन से लौटने के बाद आत्महत्या कर ली।
वहीं उत्तर प्रदेश के कश्मीर सिंह लाडी ने 2 जनवरी को गाजीपुर बॉर्डर पर आत्महत्या कर ली थी।
गलत कदम
ये लोग भी कर चुके हैं आंदोलन के दौरान आत्महत्या
इसके अलावा 9 जनवरी को पंजाब के अमरिंदर सिंह ने भी सिंघु बॉर्डर पर जहर खाकर अपनी जान दे दी थी। इसी तरह जींद के रहने वाले करमवीर सिंह ने 6 फरवरी को टिकरी बॉर्डर पर पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
आंदोलन में शामिल पंजाब के वकील अमरजीत सिंह भी जहर खाकर टिकरी बॉर्डर पर आत्महत्या कर चुके हैं। उन्होंने अपने सुसाइट नोट में किसानों आंदोलन के समर्थन में आत्महत्या करने की बात कही थी।
अपील
किसानों नेताओं की अपील- आत्महत्या के ऊपर संघर्ष को चुनें किसान
एक के बाद एक कई किसानों के आत्महत्या करने जैसा कदम उठाने के बाद किसान नेता उनसे ऐसा न करने और आत्महत्या के ऊपर संघर्ष को चुनने की अपील भी कर चुके हैं।
भारतीय किसान संघ (BKU) के नेता बूटा सिंह और जगमोहन ने कहा था कि किसानों को आत्महत्या नहीं करनी चाहिए।
किसानों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें आत्महत्या करने की बजाय आंदोलन और संघर्ष में शामिल होना चाहिए।