हरियाणा: किसानों का विधायकों के घरों के बाहर प्रदर्शन, खट्टर सरकार के खिलाफ वोट की अपील
हरियाणा विधानसभा में बुधवार को मनोहर लाल खट्टर सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है। इससे एक दिन पहले यानी मंगलवार को किसानों ने भाजपा, दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) और निर्दलीय विधायकों के घरों के बाहर प्रदर्शन किया। किसानों ने इन विधायकों से विश्वास मत के दौरान खट्टर सरकार के खिलाफ वोट देने की अपील की। किसानों ने ज्ञापन के जरिये विधायकों तक अपनी मांग पहुंचाई। आइये, पूरी खबर जानते हैं।
कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा लाए हैं अविश्वास प्रस्ताव
हरियाणा विधानसभा में विपक्षी दल के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा खट्टर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं। इस चर्चा के दौरान सभी पार्टियों ने अपने विधायकों को व्हिप जारी कर सदन में मौजूद रहने को कहा है। इससे एक दिन पहले किसानों ने विधायकों पर दबाव बनाने के लिए उनके घरों के बाहर प्रदर्शन किया। किसानों की मांग है कि विधायक उनकी मांगों का समर्थन करते हुए खट्टर सरकार का विरोध करें।
विधायकों के परिवारों और प्रतिनिधियों को सौंपा ज्ञापन
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग के साथ किसान मंगलवार सुबह से ही विधायकों के घरों के बाहर इकट्ठा होने शुरू हो गए थे। विधानसभा का सत्र जारी रहने के कारण इस समय सारे विधायक चंडीगढ़ में हैं। ऐसे में किसानों ने उनके परिवार के सदस्यों, सुरक्षा अधिकारियों और प्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपकर अविश्वास प्रस्ताव के दौरान खट्टर सरकार के विरोध में मतदान की अपील की है।
किसानों का समर्थन न करने वाले विधायकों का होगा विरोध- चढ़ूनी
विधायकों के घर के बाहर प्रदर्शन करने को लेकर भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने वीडियो संदेश जारी किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि इन प्रदर्शनों का संकेत साफ है। अगर विधायक किसानों का समर्थन नहीं करेंगे तो उन्हें किसानों का विरोध झेलना पड़ेगा। किसानों ने मंगलवार को उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, उनकी पार्टी के सभी विधायकों, भाजपा विधायकों और हरियाणा सरकार में मंत्रियों के घरों और कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया।
JJP विधायक बबली की गठबंधन से बाहर आने की अपील
टोहाना से JJP विधायक और दुष्यंत चौटाला के करीबी समझे जाने वाले देवेंद्र बबली ने कहा कि उन्हें लगता है कि उनकी पार्टी को गठबंधन से अलग हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से व्हिप जारी किया गया है, इसीलिए वो पार्टी के साथ में बंधे हुए हैं, लेकिन उन्होंने किसानों के समर्थन में अपनी बात रख दी है। उन्होंने कहा कि विरोध के चलते वे लोगों के बीच नहीं जा सकते।
यहां देखिये बबली का वीडियो
क्यों प्रदर्शन कर रहे किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।