उपचुनाव की मांग लेकर चुनाव आयोग से मिलेगी TMC, ममता के लिए जीतना बेहद जरूरी
क्या है खबर?
पश्चिम बंगाल में लंबित उपचुनावों को लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं।
दरअसल, ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए नवंबर से पहले चुनाव जीतना होगा, लेकिन कोरोना संकट के चलते फिलहाल उपचुनाव के आसार नजर नहीं आ रहे।
इसके चलते तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को चुनाव आयोग से मुलाकात कर राज्य में जल्द उपचुनाव कराने की मांग करेगा।
दूसरी तरफ भाजपा अभी उपचुनावों के खिलाफ है।
जानकारी
विधानसभा चुनाव में ममता की हुई थी हार
इसी साल हुए विधानसभा चुनावों में ममता बनर्जी को नंदीग्राम सीट से भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।
हार के बाद भी वह मुख्यमंत्री बनी हुई हैं। ऐसे में उन्हें इस पद पर बने रहने के लिए नियुक्ति के छह महीनों (नवंबर तक) के भीतर चुनाव जीतना होगा।
अगर वो ऐसा नहीं कर पाती हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ सकता है। ऐसे में तृणमूल जल्द से जल्द उपचुनाव चाहती है।
नियम
क्या है संवैधानिक बाध्यता?
संविधान के अनुच्छेद 164 (4) के तहत, अगर कोई व्यक्ति बिना सांसद या विधायक बने मंत्री बनता है तो उसके लिए छह महीने के भीतर विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना जरूरी होता है। अगर वह ऐसा नहीं कर पाता तो उसे पद छोड़ना होता है।
चूंकि पश्चिम बंगाल में विधान परिषद नहीं है इसलिए ममता बनर्जी को हर हाल में विधानसभा सीट जीतकर 4 नवंबर से पहले विधायक बनना होगा।
जानकारी
जुलाई में भी आयोग से मिला था पार्टी का प्रतिनिधिमंडल
पिछले महीने भी तृणमूल कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात की थी, लेकिन अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। आज फिर पार्टी के नेता इसी मांग के साथ आयोग से मिलेंगे।
पार्टी चाह रही है कि नवंबर से पहले उपचुनाव हों ताकि ममता बनर्जी चुनाव जीतकर इस पद पर बनी रहीं।
दूसरी तरफ भाजपा कोरोना संकट का हवाला देकर आयोग से फिलहाल उपचुनाव न कराने की मांग कर रही है।
पश्चिम बंगाल उपचुनाव
भाजपा दे रही कोरोना संकट का हवाला
भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि जब राज्य में कोरोना के चलते ट्रेनें बंद हैं तो ऐसी स्थिति में उपचुनाव भी नहीं होने चाहिए।
कुछ लोग कयास लगा रहे हैं कि ममता बनर्जी की सीट के चलते भाजपा चाहती है कि अभी उपचुनाव न कराए जाएं। ऐसे ही संकट से बचने के लिए भाजपा ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को बदला था।
वहीं आयोग ने तीसरी लहर का आकलन कर फैसला लेने की बात कही है।
जानकारी
TMC के गले नहीं उतर रही कोरोना संकट की बात
कोरोना संकट का हवाला देकर उपचुनाव आगे खिसकान की भाजपा की मांग तृणमूल के गले नहीं उतर रही है।
TMC का कहना है कि जब राज्य में रोजाना 20,000 से अधिक मामले दर्ज हो रहे थे, तब देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे थे। अब राज्य में दैनिक मामलों की संख्या 1,000 से भी कम हो गई है तो चुनाव के आयोजन में परेशानी नहीं होनी चाहिए।
पार्टी ने आयोग पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया है।