कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टर चलाकर संसद पहुंचे राहुल, बोले- किसानों का संदेश लाया हूं
कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज कृषि कानूनों के विरोध में और किसान आंदोलन के समर्थन में ट्रैक्टर चलाकर संसद पहुंचे। राहुल के साथ ट्रैक्टर पर कांग्रेस के अन्य नेता भी बैठे हुए थे और इस पर कृषि कानूनों को वापस लेने के बैनर लगे हुए थे। मीडिया से बात करते हुए राहुल ने कहा कि वे किसानों का संदेश संसद लेकर आए हैं और कृषि कानूनों को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।
क्या बोले राहुल गांधी?
रिपोर्टर्स से बात करते हुए राहुल ने कहा, "मैं किसानों का संदेश संसद लेकर आया हूं। सरकार किसानों की आवाज दबा रही है और संसद में चर्चा नहीं करने दे रही है। उसे इन काले कानूनों को वापस लेना होगा। पूरे देश को पता है कि ये कानून बस 2-3 बड़े कारोबारियों को फायदा पहुंचाएंगे। सरकार के अनुसार, किसान खुश हैं और जो प्रदर्शन कर रहे हैं वो आतंकवादी हैं। लेकिन असल में किसानों के अधिकार छीने जा रहे हैं।"
पुलिस ने सुरजेवाला और श्रीनिवास समेत कई नेताओं को हिरासत में लिया
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने धारा 144 का उल्लंघन करते हुए ट्रैक्टर मार्च निकालने के आरोप में कई कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है। इनमें राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और यूथ कांग्रेस प्रमुख श्रीनिवास बीवी भी शामिल हैं।
नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं किसान
बता दें कि देशभर में किसान केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और पिछले साल नवबंर से दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठे हुए हैं। इस दौरान सरकार और उनके बीच कई दौर की बातचीत भी हुई है, लेकिन इनमें कोई नतीजा नहीं निकला। किसानों का कहना है कि सरकार कानूनों को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देेने वाला कानून बनाए, वहीं सरकार केवल संशोधन को तैयार है।
जंतर-मंतर पर 'किसान संसद' संचालित कर रहे आंदोलनकारी
अभी किसान मानसून सत्र के साथ-साथ जंतर-मंतर पर 'किसान संसद' चला रहे हैं। इसमें रोजाना 200 किसान शामिल होते हैं और किसानों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करते हैं। आज महिलाएं इस किसान का संचालन कर रही हैं। इसके अलावा विपक्ष के कई सांसदों ने भी संसद में कृषि कानून का मुद्दा उठाने की कोशिश की है और इसके और अन्य मुद्दों के कारण कई बार सदनों को स्थगित भी करना पड़ा है।
क्या हैं विवादित कृषि कानून?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए पिछले साल सितंबर में तीन कानून लाई थी। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है