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प्रियंका गांधी की लखनऊ रैली रद्द, अब नई रणनीति से करेंगी उत्तर प्रदेश में शुरुआत

प्रियंका गांधी की लखनऊ रैली रद्द, अब नई रणनीति से करेंगी उत्तर प्रदेश में शुरुआत

Feb 05, 2019
11:28 am

क्या है खबर?

प्रियंका गांधी की सक्रिय राजनीति में धमाकेदार शुरुआत के लिए 10 फरवरी को लखनऊ में होने वाली रैली को कांग्रेस ने रद्द कर दिया है। माना जा रहा है कि प्रियंका की रणनीति में बदलाव हुआ है और इसी के कारण रमाबाई मैदान पर होने वाली रैली को रद्द किया गया है। खबरों के अनुसार, वह अब कुंभ स्नान के साथ अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर सकती हैं। वह सोमवार को ही विदेश से भारत वापस लौटी हैं।

लखनऊ

10 फरवरी को लखनऊ में होनी थी रैली

23 जनवरी को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका की राजनीति में एंट्री की घोषणा की थी। प्रियंका को पार्टी महासचिव बनाते हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश का चुनावी प्रभार दिया गया है। रणनीति के तहत 10 फरवरी को लखनऊ में प्रियंका की रैली प्रस्तावित की गई थी। गांंधी परिवार के नए सदस्य की राजनीति में एंट्री को लेकर कार्यकर्ता बेहद उत्साहित थे। लेकिन अब कोई स्पष्ट रणनीति न होने के कारण उनके जोश में कमी आ रही है।

कुंभ स्नान

कुंभ स्नान से करेंगी शुरुआत

प्रियंका के लिए बनाई गई नई रणनीति के अनुसार अब वह पवित्र कुंभ स्नान के साथ अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करेंगी। पहले खबर थी कि वह 4 फरवरी को अपने भाई राहुल के साथ कुंभ स्नान कर सकती हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। नई योजना के मुताबिक, प्रियंका पहले इलाहाबाद स्थित आनंद भवन जाएंगी और वहां से कुंभ स्नान के लिए जाएंगी। इसके बाद वह लखनऊ के लिए रवाना होंगी।

सॉफ्ट हिंदुत्व

सॉफ्ट हिंदुत्व कार्ड पर कांग्रेस की नजर

लखनऊ के कांग्रेस मुख्यालय में वह पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर आगे की रणनीति पर विचार करेंगी। कुंभ स्नान के साथ राजनीति में शुरुआत के प्रियंका के दांव को 'सॉफ्ट हिंदुत्व कार्ड' के तौर पर देखा जा रहा है। इसके अलावा इसके जरिए पार्टी की निगाह आसपास की लोकसभा सीटों पर भी है। पूर्वांचल में प्रियंका की टक्कर सीधे तौर पर प्रधानमंत्री मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से होगी।

ब्राह्मण

ब्राह्मणों को लुभाने की कोशिश

पूर्वांचल से प्रियंका को मैदान में उतारने का एक कारण यह भी है कि इलाके में 12 प्रतिशत के करीब ब्राह्मण मतदाता हैं और इसे उनका गढ़ माना जाता है। ब्राह्मणों पारंपरिक तौर पर कांग्रेस के मतदाता रहे हैं, जिनपर बाद में भाजपा ने कब्जा कर लिया। इसी कारण से पूर्वांचल अब भाजपा का गढ़ बन चुका है। प्रियंका और कांग्रेस का लक्ष्य भाजपा को उसी के गढ़ में चुनौती दे उसे फिर से सत्ता वापसी से रोकने का है।