पंजाब: राहुल गांधी ने अंत तक बनाए रखा मुख्यमंत्री उम्मीदवार के नाम पर सस्पेंस, क्या-क्या हुआ?
क्या है खबर?
कांग्रेस ने रविवार को पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए चरणजीत सिंह चन्नी को अपना मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया। पार्टी सांसद राहुल गांधी ने लुधियाना में हुई एक वर्चुअल रैली में इसका ऐलान किया।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो राहुल ने नाम पर अंत तक सस्पेंस बनाए रखा और चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू को भी नाम का ऐलान होने तक इसके बारे में पता नहीं था।
राहुल ने ये सस्पेंस कैसे बनाए रखा, आइए जानते हैं।
तनाव
बेहत तनावपूर्ण थे ऐलान से पहले के कुछ घंटे
न्यूज 18 के सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री के नाम के ऐलान से पहले के कुछ घंटे तनाव और सस्पेंस से भरपूर थे और विधायकों से लेकर चन्नी और सिद्धू तक इसे लेकर चिंता में थे।
राहुल, चन्नी, सिद्धू और वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ ने सबसे पहले हयात होटल में एक साथ लंच किया जिसमें तीनों ने अपनी-अपनी बातें रखीं।
चन्नी ने अपने काम का ब्यौरा दिया, वहीं सिद्धू ने बताया कि अभी और क्या करना बाकी रहता है।
शिकायतें
जाखड़ ने किया स्पष्ट- मेरी शिकायतों पर बाद में जरूर हो सुनवाई
सूत्रों ने बताया कि लंच के दौरान राहुल ने ये जानने में दिलचस्पी दिखाई कि आम आदमी पार्टी (AAP) की क्या स्थिति है। इसके जवाब में जाखड़ ने कहा कि AAP मजबूत हो रही है, खासकर युवाओं के बीच में।
उन्होंने साफ किया कि उनकी शिकायतों पर बाद में सुनवाई होनी चाहिए और अभी चुनाव जीतना प्राथमकिता है, लेकिन पार्टी की स्थिति बहुत ज्यादा अच्छी नहीं है।
रिपोर्ट के अनुसार, राहुल ने कई असंतुष्ट विधायकों से भी मुलाकात की।
बैठक
राहुल ने सिद्धू के साथ अलग से की 30 मिनट की बैठक
सूत्रों के अनुसार, लंच के दौरान मुख्यमंत्री उम्मीदवार को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई क्योंकि राहुल नाम को सीक्रेट रखना चाहते थे, हालांकि उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू से अलग से 30 मिनट की बैठक जरूर की।
इस बैठक में सिद्धू ने राहुल को अपनी सारी शिकायतें बताईं और कहा कि अपने 111 दिनों में चन्नी सरकार ने उनके 'पंजाब मॉडल' पर कोई काम नहीं किया है और ड्रग्स तस्करी और बेअदबी जैसे मुद्दों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
सस्पेंस
वर्चुअल रैली के आयोजन स्थल तक आने तक किसी को नहीं थी नाम की खबर
सूत्रों ने बताया कि रैली के आयोजन स्थल पहुंचने तक सिद्धू या चन्नी, किसी को मुख्यमंत्री पद की पसंद के बारे में नहीं पता था।
इसके बारे में पहला संकेत राहुल के भाषण के दौरान ही लगा जब उन्होंने संसद के अपने बयान का जिक्र करते हुए कहा कि गरीबों को प्रतिनिधित्व देने की जरूरत है।
इससे साफ हो गया कि पार्टी गरीब परिवार से आने वाले चन्नी को चुनेगी। चंद मिनट बाद राहुल ने इसका ऐलान भी कर दिया।
सिद्धू का रवैया
ऐलान के बाद सिद्धू ने क्या किया?
सूत्रों के अनुसार, राहुल के दिल्ली के लिए रवाना होते ही सिद्धू ने अपने समर्थकों और सलाहकारों की बैठक बुलाई। इसमें उन्होंने फैसले पर निराशा व्यक्त करते हुए अपनी टीम से कहा कि पार्टी ने उन्हें अकेला छोड़ा दिया है और दिल्ली के कई नेता उनके खिलाफ एक हो गए हैं।
अक्सर बागी रवैया अपनाने वाले सिद्धू का अगला कदम अब क्या होगा, ये देखना दिलचस्प होगा। हालांकि सार्वजनिक तौर पर वो फैसला स्वीकार करने की बात कह चुके हैं।