भारत के मंदी की चपेट में आने का सवाल ही नहीं उठता- निर्मला सीतारमण
देश में बढ़ती महंगाई के मुद्दे पर सोमवार को संसद में चर्चा के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में जवाब प्रस्तुत किया। इसमें उन्होंने कहा कि भारत में मंदी या मुद्रास्फीतिजनित मंदी का सवाल ही नहीं उठता है। ब्लूमबर्ग के सर्वे में भी कहा गया है कि भारत में मंदी की संभावना शून्य है। उन्होंने विपक्ष पर महंगाई पर चर्चा के दौरान केवल राजनीतिक बातें करने का आरोप भी लगाया। इस पर कांग्रेस सांसदों ने वॉकआउट कर दिया।
भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक- सीतारमण
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि कोविड संकट के बावजूद वैश्विक एजेंसियों के आकलन में भारत की अर्थव्यवस्था अधिकांश देशों की तुलना में बेहतर है और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद पिछले दो साल में भारत को विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और दूसरी वैश्विक संस्थाओं द्वारा विश्व की विकास दर और भारत की विकास दर के बारे में कई बार आकलन किया गया है।
अमेरिका की GDP में भी आई गिरावट- सीतारमण
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि अमेरिका की GDP में दूसरी तीमाही में 0.9 प्रतिशत और पहली तिमाही में 1.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। इसे वहां की सरकार ने अनौपचारिक मंदी का नाम दिया है। भारत में तो मंदी या मुद्रास्फीतिजनित मंदी का सवाल ही नहीं उठता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के 30 सांसदों ने बढ़ते दामों पर बात की, लेकिन आंकड़े पेश करने के बजाए वो लोग केवल राजनीतिक मुद्दों पर ही बोलते रहे।
कांग्रेस सांसदों ने किया वॉकआउट
वित्त मंत्री सीतारमण के विपक्ष पर निशाना साधते ही कांग्रेस सांसद उखड़ गए और पूरा जवाब सुने बिना ही वॉकआउट कर दिया। इससे पहले उन्होंने सदन में जोरदार हंगामा करते हुए बढ़ती महंगाई के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
वित्त मंत्री ने देशवासियों को दिया हालात से उबरने का श्रेय
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि देश ने कभी भी इस तरह का महंगाई का सामना नहीं किया। इसके चलते हालात ऐसे बने कि केंद्र सरकार विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में अधिक से अधिक लोगों की मदद में जुट गई। उन्होंने कहा कि सांसदों और राज्य सरकारों ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई है।अगर ऐसा नहीं होता तो भारत भी उसी हालत में होता, जिस हालत में दुनिया के कई अन्य देश हैं। वह इसका श्रेय पूरे देशवासियों को देना चाहती हैं।
भारत में कम हो रहे हैं NPA
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक के सकल NPA 2022 में छह साल में सबसे निचले स्तर 5.9 प्रतिशत पर हैं। चीन के 4,000 बैंक दिवालिया होने के कगार पर हैं, जबकि भारत में NPA कम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र के प्रयासों से सरकार पर कर्ज GDP का 56.9 प्रतिशत है और IMF डाटा के अनुसार, भारत इस मामले में दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में काफी अच्छी स्थिति में है।
भारतीय अर्थव्यवस्था दिखा रही सकारात्मक संकेत
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि GST संग्रह पिछले पांच महीनों से 1.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। आठ इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में जून में डबल डिजिट में बढ़ोतरी हुई। जून में कोर सेक्टर में वार्षिक दर से 12.7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत सकारात्मक संकेत दिखा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में मुद्रास्फीति नौ बार दोहरे अंकों में थी। 22 महीनों के लिए तो यह 9 प्रतिशत से अधिक रही थी।
विपक्ष ने भी जमकर बोला सरकार पर हमला
इससे पहले महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी, तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद काकोली घोष सहित कई विपक्षी सांसदों ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि देश में पिछले 14 महीने से महंगाई दर दोहरे अंक में है और यह 30 साल में सबसे ज्यादा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि सब (चीजों) पर GST लगा दिया। लोगों के लिए दो वक्त की रोटी मुश्किल हो रही है।