नेपाल: शेर बहादुर देउबा पांचवीं बार बने प्रधानमंत्री, 30 दिन में साबित करना होगा बहुमत
नेपाल में नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति हो गई है। नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा (74) को मंगलवार को पांचवीं बार देश का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने संविधान के आर्टिकल 76 (5) के मुताबिक उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी है। नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उन्हें दो दिन के भीतर प्रधानमंत्री बनाने का आदेश दिया था। इसके अलावा कोर्ट ने भंग पड़ी संसद को बहाल करने का आदेश दिया था।
राष्ट्रपति ने 22 मई को भंग की थी संसद
नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सिफारिश पर 22 मई को संसद भंग कर दी थी। नेपाली संसद पिछले पांच महीने में दूसरी बार भंग की गई थी। उन्होंने 12 और 19 नवंबर को चुनाव कराने का ऐलान किया था। राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 30 से ज्यादा याचिका लगाई गई थीं। विपक्षी पार्टियों की याचिका में संसद को बहाल करने और देउबा को प्रधानमंत्री बनाने की मांग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था देउबा को प्रधानमंत्री बनाने का आदेश
मामले में लंबी सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रधानमंत्री ओली के 21 मई के संसद की प्रतिनिधि सभा को भंग करने के फैसले को रद्द कर दिया था और दो दिन में देउबा को प्रधानमंत्री नियुक्त करने का आदेश दिया था। इसके अलावा कोर्ट ने भंग संसद को भी बहाल करने के आदेश दिए थे। मुख्य न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर राणा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि प्रधानमंत्री के पद पर ओली का दावा असंवैधानिक है।
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति के फैसले को भी बताया था असंवैधानिक
मामले में फैसला सुनाने के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नई सरकार बनाने के देउबा के दावे को खारिज करने का राष्ट्रपति भंडारी का फैसला असंवैधानिक है। देउबा को भी मौका दिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले और संसद की बहाली के बाद नेपाल के चुनाव आयोग ने मंगलवार को देश में 12 और 19 नवंबर को होने वाले संसदीय चुनावों को स्थगित कर दिया है। आने वाले दिनों में आयोग विस्तृत आदेश जारी करेगा।
विपक्ष में रही पार्टियों के गठबंधन की सरकार बनाएंगे देउबा
बता दें कि देउबा नेपाल में अब तक विपक्ष में रही पार्टियों के गठबंधन की सरकार बनाएंगे। इसमें नेपाली कांग्रेस, CPN (माओवादी), CPN-UML माधव कुमार नेपाल-झालानाथ खनाल गुट, जनता समाजवादी पार्टी का उपेंद्र यादव गुट और राष्ट्रीय जनमोर्चा शामिल हैं।
देउबा ने शपथ लेने से किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर देउबा को प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने के बाद शाम को मामले में नया मोड़ आ गया। देउबा ने पद की शपथ लेने से इनकार कर दिया। उनका कहना था उनके नियुक्ति पत्र में उस संवैधानिक क्लॉज का जिक्र ही नहीं है, जिसके तहत उन्हें नियुक्त किया गया है। उन्होंने शपथ से पहले नियुक्ति पत्र में सुधार की मांग की है। इसके चलते शाम 6 बजे शुरू होने वाले शपथ ग्रहण समारोह को निरस्त करना पड़ा।
पहले भी चार बार प्रधानमंत्री रहे चुके हैं देउबा
बता दें कि देउबा इससे पहले भी चार बार नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। वह पहली बार सितंबर 1995 से मार्च 1997, दूसरी बार जुलाई 2001 से अक्टूबर 2002, तीसरी बार जून 2004 से फरवरी 2005 और चौथी बार जून 2017 से फरवरी 2018 तक प्रधानमंत्री रह चुके हैं। संवैधानिक प्रावधान के तहत प्रधानमंत्री के तौर पर नियुक्ति के बाद अब देउबा को अगले 30 दिनों के अंदर सदन में विश्वास मत हासिल करना होगा।
नेपाल में पिछले साल दिसंबर से चल रहा है सियासी संकट
नेपाल में पिछले साल दिसंबर से सियासी संकट बना है। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में कलह की वजह से सरकार नहीं चल पाई थी। प्रधानमंत्री ओली की सलाह पर राष्ट्रपति ने 20 दिसंबर को संसद भंग करके 30 अप्रैल और 10 मई को चुनाव कराने का ऐलान किया था, लेकिन फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने संसद को बहाल कर दिया था। उसके बाद मई में संसद को फिर भंग कर दिया था, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने उसे बहाल कर दिया।