प्रधानमंत्री मोदी ने शुरू की नई व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी, जानिये इसके नियम और फायदे
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात इन्वेस्टर्स शिखर सम्मेलन में भारत में बहुप्रतीक्षित व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी का शुभारंभ किया है।
आपको बता दें कि इस पॉलिसी को पहली बार इस साल के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किया गया था।
बाद में केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में पॉलिसी के बारे में जानकारी दी थी।
आइये जानते हैं कि नई स्क्रैपेज पॉलिसी क्या है और इससे किसे फायदा मिलेगा?
स्क्रैपेज नीति
स्क्रैपेज पॉलिसी क्या है?
वाहन के पंजीकरण का समय पूरा होने पर स्क्रैपेज पॉलिसी लागू होती है। सामान्य तौर पर एक वाहन का जीवन 15 वर्ष होता है, जिसके बाद यह वाहन पर्यावरण को अधिक प्रदूषित करना शुरू कर देते हैं। अन्य देशों में उन्हें नष्ट कर दिया जाता है।
हालांकि भारत में ऐसी कोई पॉलिसी नहीं थी। नई पॉलिसी के अनुसार वाहनों का पंजीकरण समाप्त होने के बाद उन्हें फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा। टेस्ट पास न करने पर उन्हें स्क्रैप किया जाएगा।
नियम
क्या सभी वाहन 15 साल बाद बंद हो जाएंगे?
सभी वाहनों को बंद नहीं किया जाएगा। समय सीमा से अधिक के सभी वाहनों को अनिवार्य फिटनेस परीक्षण से गुजरना होगा।
यदि कोई वाहन फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाता है, तो उन्हें रोड पर चलने का प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा और वे सड़क पर नहीं चल पाएंगे और अगर वे फिटनेस टेस्ट पास करते हैं, तो उन्हें सड़क पर चलने की अनुमति मिल जाएगी।
हालांकि ऐसे वाहनों को हर 5 साल बाद फिर से फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा।
लाभ
वाहन को स्क्रैप करने से क्या लाभ होगा?
नितिन गडकरी ने बताया की पॉलिसी से वित्तीय लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं, जैसे -यदि मालिक वाहन को स्क्रैप करना चुनते हैं तो उसे वाहन के एक्स-शोरूम का 4 से 6 प्रतिशत मूल्य का एक स्क्रैप मूल्य के रूप में दिया जायेगा।
रोड टैक्स में 25 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी।
वाहन निर्माताओं को नए वाहनों पर स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट दिखाने पर 5 प्रतिशत की छूट देने की सलाह दी जाएगी।
शुरुआत
यह पॉलिसी कब से लागू होगी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इस पॉलिसी की शुरुआत की है। हालांकि नीति को जमीनी स्तर पर लागू करने में अभी समय लगेगा क्योंकि देश में स्क्रैपिंग सेंटर अभी तैयार नहीं हैं।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव गिरिधर अरमाने ने कहा, "यदि वाहन नियमों के तहत फिटनेस टेस्ट पास नहीं कर पाते हैं तो 2023 से भारी कमर्शियल वाहनों को रद्द कर दिया जायेगा और निजी वाहनों पर यह पॉलिसी हम जून, 2024 से लागू करेंगे।"