दिल्ली पुलिस ने किसानों को नहीं दी संसद के बाहर प्रदर्शन करने की इजाजत
क्या है खबर?
दिल्ली पुलिस ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को संसद के बाहर प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। सिंधु बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों ने ये अनुमति मांगी थी।
पुलिस के अनुमति देने से इनकार करने के बावजूद किसानों ने गुरूवार से संसद के बाहर धरना देने की बात कही है। हालांकि इन धरनों में सीमित संख्या में लोग शामिल होंगे और संसद का घेराव नहीं किया जाएगा।
बयान
किसानों और पुलिस के बीच हुई कई बैठकें, नहीं निकला कोई हल
दिल्ली पुलिस के एक प्रवक्ता ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि मुद्दे पर पुलिस और किसान नेताओं के बीच कई बैठकें हुईं, लेकिन इनसे भी कोई हल नहीं निकला।
पुलिस का कहना है कि संसद के बाहर प्रदर्शन से कोविड संबंधित नियमों का उल्लंघन होगा और इससे सुरक्षा संबंधी समस्याएं भी खड़ी हो सकती हैं।
पुलिस ने किसानों को कई दूसरी जगहों पर प्रदर्शन करने का विकल्प भी दिया था, लेकिन किसान सहमत नहीं हुए।
योजना
किसानों की 22 जुलाई से रोज संसद के सामने धरना देने की योजना
वहीं किसानों ने कहा कि वे 22 जुलाई से मानसून सत्र के अंत तक रोजाना संसद के बाहर धरना देंगे। शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा की नौ सदस्यीय टीम इस संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मिली।
उसने अपने बयान में कहा, "विभिन्न राज्यों के 200 किसानों के साथ रोजाना संसद के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा... हमने पुलिस को ये आश्वासन भी दिया है कि किसानों की संसद घेरने या इसमें जबदस्ती घुसने की कोई योजना नहीं है।"
दिक्कतें
इन मुद्दों पर फंसा पेच
200 किसानों के प्रस्ताव पर पुलिस का कहना है कि वो इतने लोगों को संसद के पास जाने की अनुमति नहीं दे सकती। उसने किसानों से संख्या घटाने को कहा, हालांकि किसानों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया।
किसानों का कहना है कि 200 पहले से ही बहुत कम संख्या है और ये इससे कम नहीं की जा सकती। उन्होंने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन का प्रस्ताव भी दिया, लेकिन पुलिस इस पर तैयार नहीं हुई।
तैयारी
पुलिस ने सिंघु बॉर्डर और नई दिल्ली में बढ़ाई तैनाती
किसानों के साथ बातचीत न बनने के बाद दिल्ली पुलिस ने सिंघू बॉर्डर, नई दिल्ली और लाल किले के पास तैनाती बढ़ा दी है। शहर में गश्त के लिए लगभग 30,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
इसके अलावा पुलिस ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन से जरूरत पड़ने पर सात मेट्रो स्टेशनों को बंद करने और जनपथ, लोक कल्याण मार्ग, पटेल चौक, राजीव चौक, केंद्रीय सचिवालय, मंडी हाउस और उद्योग भवन स्टेशन पर निगरानी बढ़ाने को भी कहा है।
पृष्ठभूमि
क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए पिछले साल सितंबर में तीन कानून लाई थी। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं।
पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।