मानसून सत्र: सरकार ने 18 जुलाई को बुलाई सर्वदलीय बैठक, प्रधानमंत्री मोदी भी लेंगे हिस्सा
केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने 18 जुलाई को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। 19 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र से एक दिन पहले बुलाई गई बैठक में प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल होंगे। बैठक में सरकार मानसून सत्र को सुचारूपूर्ण ढंग से चलने देने की अपील करते हुए विपक्षी दलों से सहयोग मांगेगी। बता दें कि संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होगा और 13 अगस्त तक चलेगा।
18 जुलाई को ही भाजपा और NDA की अहम बैठक
18 जुलाई को भाजपा की संसदीय समिति और NDA के नेताओं की बैठक प्रस्तावित है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी भी इन बैठकों में हिस्सा लेंगे। सर्वदलीय बैठक में सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार होने की बात कहेगी। वहीं विपक्षी दल महंगाई, तेल की कीमतें, कोरोना से निपटने में सरकार की नाकामी, राफेल सौदे में कथित भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों के सहारे सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर रहा है।
जनसंख्या नियंत्रण और समान नागरिकता संहिता पर आएंगे गैर सरकारी विधेयक
NDTV ने दोनों सदनों के सचिवालयों से मिली जानकारी के आधार पर लिखा है कि गोरखपुर से लोकसभा सांसद रवि किशन और राजस्थान से राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा मानसून सत्र के पहले सप्ताह में जनसंख्या नियंत्रण और समान नागरिक संहिता पर गैर सरकारी विधेयक पेश करेंगे। जानकारी के लिए बता दें कि जो सांसद मंत्रीपरिषद के सदस्य नहीं होते, वो गैर सरकारी विधेयक पेश कर सकते हैं। बिना सरकार के समर्थन के ऐसे विधेयक पारित नहीं होते।
19 दिन चलेगा कामकाज
मानसून सत्र में कुल 19 दिन काम होगा और हर रोज दोनों सदनों का कामकाज सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगा। कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए बचाव के सभी उपाय किए जाएंगे और सांसदों में सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए इंतजाम किए जाएंगे। जिन सांसदों ने वैक्सीन नहीं लगवाई है, उन्हें हर दो हफ्ते पर टेस्ट कराना होगा। संसद में प्रवेश करने वाले हर एक शख्स को इस नियम का पालन करना होगा।
इतने सांसद लगवा चुके हैं वैक्सीन
बता दें कि अभी तक लोकसभा के 444 सदस्य और राज्यसभा के 218 सदस्य कोरोना वायरस की वैक्सीन लगवा चुके हैं। इनमें से 323 सांसद ऐसे हैं, जो दोनों खुराकें लगवा चुके हैं। कुछ सांसद कोरोना से संक्रमित होने के कारण अपनी दूसरी खुराक नहीं लगवा पाए हैं। एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि लगभग 30 सांसदों ने अपने वैक्सीनेशन के बारे में कोई सूचना नहीं दी है और उनसे संपर्क करने की कोशिश की जा रही है।
महामारी के बाद समय से पहले खत्म हुआ है संसद का हर सत्र
गौरतलब है कि फरवरी, 2020 में कोरोना वायरस महामारी की शुरूआत के बाद से संसद का हर सत्र प्रभावित हुआ है और इन्हें समय से पहले खत्म करना पड़ा है। 2020 का शीतकालीन सत्र तो महामारी के कारण पूरी तरह से रद्द हो गया था। इसके बाद भी हर सत्र को समय से पहले खत्म किया गया। अब अधिकांश सांसदों को वैक्सीन लगने के कारण लंबे सत्र होने की संभावना बढ़ गई है।