बिहार: मुख्यमंत्री बनने के 'अनिच्छुक' थे नीतीश कुमार, भाजपा ने मनाया
बिहार चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को स्पष्ट बहुमत मिला है। 74 सीटों के साथ भाजपा NDA की सबसे बड़ी पार्टी बनी। वहीं जनता दल (यूनाइटेड) को 43 सीटें मिली हैं। ऐसे में कयास लगाए जाने लगे थे कि इस बार भाजपा मुख्यमंत्री पद अपने पास रख सकती है और शायद नीतीश कुमार बिहार के अगले मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं होना जा रहा है। यह साफ हो गया है कि नीतीश कुमार ही अगले मुख्यमंत्री बनेंगे।
मुख्यमंत्री बनने के अनिच्छुक थे नीतीश कुमार- सूत्र
भाजपा नेताओं ने साफ कर दिया है कि नीतीश कुमार ही राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे और वही इस पद के लिए एकमात्र दावेदार हैं। हालांकि, नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनने के इच्छुक नहीं थे। इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि नीतीश कुमार ने जदयू के खराब प्रदर्शन को वजह बताते हुए मुख्यमंत्री न बनने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन भाजपा ने इसके लिए उन्हें मना लिया है।
भाजपा ने नीतीश को दिया भरोसा
सूत्रों का कहना है कि भाजपा ने नीतीश को भरोसा दिया है कि वो मुख्यमंत्री पद पर बने रहें और वो 'पहले की तरह पूरी स्वतंत्रता' से सरकार चला सकेंगे। भाजपा उनके रास्ते में नहीं आएगी।
लोजपा से नाराज हैं नीतीश कुमार
सूत्रों का कहना है कि चिराग पासवान और उनकी लोक जनशक्ति पार्टी ने चुनावों में जदयू को नुकसान पहुंचाया है, उससे नीतीश कुमार काफी नाखुश हैं। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, "वो बहुत नाखुश और नाराज हैं कि चिराग पासवान ने 25-30 सीटों पर जदयू के मौके खराब कर दिए हैं। भले ही हम गठबंधन में वरिष्ठ सहयोगी की भूमिका में हैं, लेकिन हमने उन्हें मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए मनाया है।"
लोजपा के कारण चुनाव हारे कई मंत्री- जदयू नेता
वहीं नीतीश के पार्टी के एक बड़े नेता कहते हैं कि पार्टी में यह आम धारणा है कि भाजपा चुनाव प्रचार के दौरान चिराग पासवान से उस तरह पेश नहीं आई, जिस तरह उसे आना चाहिए था। उन्होंने कहा कि लोजपा के चलते ही जय कुमार सिंह, शैलेश कुमार समेत नीतीश सरकार के कई मंत्री यह चुनाव हार गए। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान जदयू और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय की कमी थी।
बिहार में आज तक नहीं बना है भाजपा का मुख्यमंत्री
हिंदी राज्यों में बिहार एकमात्र ऐसा राज्य है जहां भाजपा का मुख्यमंत्री नहीं रहा है और यहां अपना मुख्यमंत्री बनाना भाजपा का एक बहुत बड़ा सपना रहा है। इसी कारण जब चुनाव में उसे जदयू से अधिक सीटें मिलीं तो उसके अपनी इस महत्वाकांक्षा को पूरी करने के लिए कदम उठाने की अटकलें लगाई जाने लगीं। इसके अलावा कई विशेषज्ञों ने ये भी कहा कि इतनी कम सीटें होने के कारण नीतीश को खुद मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहिए।