बिहार में साथ सरकार चला रही भाजपा-जदयू झारखंड में अलग-अलग लड़ेंगी चुनाव
भारतीय जनता पार्टी और नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) झारखंड में गठबंधन नहीं करेगी। राज्य में दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा और बिहार में गठबंधन की सरकार चला रही दोनों पार्टियां राज्य में अलग-अलग चुनाव लडेंगी। दोनों पार्टियां 2013 तक झारखंड में मिलकर चुनाव लड़ती थीं, लेकिन नीतीश के राजग से बाहर जाने के बाद दोनों पार्टियों के रास्ते अलग हो गए थे।
भाजपा का राज्य में 65 सीटें जीतने का लक्ष्य
भाजपा के एक पदाधिकारी ने बताया कि झारखंड में नीतीश की पार्टी का खास आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा राज्य की 81 सीटों में से 65 जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही है इसलिए पार्टी को अधिकतम सीटों पर चुनाव लड़ना होगा। जानकारी के लिए बता दें कि साल 2000 मेंं बिहार से अलग राज्य बनने के बाद तीन बार हुए विधानसभा चुनावों में किसी भी पार्टी को अपने दम पर बहुमत नहीं मिला है।
झारखंड में लगातार घट रहा है जदयू का आधार
दूसरी तरफ देखें तो झारखंड में जदयू का वोट शेयर लगातार घट रहा है। 2011 की जनगणना के मुताबिक, 3.2 करोड़ की जनसंख्या वाले झारखंड में 26 फीसदी आदिवासी हैं। जनता दल ने 2005 में राज्य के पहले विधानसभा चुनावों में छह सीटें जीती थीं। इस दौरान पार्टी को चार फीसदी वोट मिले थे। उसके बाद 2009 में हुए चुनावों में वोट शेयर घटकर 2.8 प्रतिशत और 2014 के चुनावों में यह कम होकर मात्र एक फीसदी हो गया था।
सुदेश महतो के साथ हाथ मिला सकती है भाजपा
माना जा रहा है कि भाजपा झारखंड में लंबे समय से अपने सहयोगी सुदेश महतो की ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) से हाथ मिला सकती है। पूर्व मंत्री महतो की पार्टी ने 2014 विधानसभा चुनावों में आठ सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। इस साल हुए चुनावों में दोनों पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा और 14 में से 12 सीटें अपने नाम की। कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा को एक-एक सीट पर जीत मिली।
झारखंड में पैर पसारने की सोच रही जनता दल
जनता दल के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि नीतीश कुमार झारखंड में अन्य पिछड़े वर्ग की संख्या को देखते हुए राज्य में पार्टी को मजबूत करने की योजना बना रहे हैं। पहले भी बिहार से लगते इलाकों में अन्य पिछड़े वर्ग के नेताओं ने चुनाव जीता था। नीतीश कुमार के करीबी नेता ने कहा, "हम दिसंबर में होने वाले चुनावों को राज्य में पार्टी को मजबूत करने के मौके की तरह देख रहे हैं।"