मुंबई: दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा आरे मेट्रो कार शेड, प्रदर्शनकारियों से मुकदमे वापस
क्या है खबर?
महाराष्ट्र सरकार ने आरे के विवादित मेट्रो कार शेड प्रोजेक्ट को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया है। रविवार को इसका ऐलान करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब ये मेट्रो कार शेड कांजुरमार्ग में सरकारी जमीन पर बनाया जाएगा।
इसके अलावा उन्होंने आरे में कार शेड बनाने का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने का ऐलान भी किया। राज्य का गृह विभाग इन मामलों को वापस ले चुका है।
पृष्ठभूमि
क्या है आरे मेट्रो कार शेड प्रोजेक्ट का पूरा मामला?
उत्तरी मुंबई के गोरेगांव स्थित आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड बनाने के लिए करीब 2,185 पेड़ काटे जाने थे और पिछले साल 25 अक्टूबर को जब मुंबई मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (MMRCL) ने इन्हें काटना शुरू किया तो कई छात्र, पर्यावरणविद और बॉलीवुड हस्तियां इसके विरोध में उतर आए।
मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था और कोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी थी। हालांकि इस रोक से पहले ही अधिकांश पेड़ों को काटा जा चुका था।
राजनीति
भाजपा और शिवसेना के बीच टकराव का मुद्दा बना था मामला
ये मामला तब सहयोगी रहे भाजपा और शिवसेना के बीच टकराव का मुद्दा भी बना था और शिवसेना ने इस कटाई का विरोध किया था। उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे ने तो उनकी सरकार आने पर आरे कॉलोनी को जंगल घोषित करने तक का ऐलान कर दिया था।
अपने पार्टी के इसी रुख पर अमल करते हुए उद्धव ने मुख्यमंत्री बनने के दूसरे दिन ही आरे में इस मेट्रो कार शेड के निर्माण पर रोक लगा दी थी।
ऐलान
सरकार ने कांजुरमार्ग में शून्य रुपये में आवंटित की जमीन
अब इससे एक कदम आगे जाते हुए उद्धव ने इस कार शेड प्रोजेक्ट को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया है। आज राज्य को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "आरे कार शेड को अब कांजुरमार्ग शिफ्ट किया जा रहा है। हमने इसके लिए शून्य रुपये में जमीन आवंटित की है। हम इस जमीन का अधिग्रहण करने के लिए एक रुपये भी खर्च नहीं करेंगे।"
आरे में पहले से ही बन चुकी इमारत को अन्य किसी कार्य में लिया जाएगा।
मुकदमें वापस
प्रदर्शनकारियों पर दर्ज किए गए मुकदमों को भी लिया गया वापस
इसके अलावा उद्धव ने आरे कार शेड के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लेने का ऐलान भी किया। उन्होंने कहा, "विधानसभा चुनाव से पहले हमने इसका विरोध किया था। प्रदर्शन हुए थे, पेड़ों को रात में काटा गया था और प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया था। सरकार ने इन लोगों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने का फैसला लिया है।"
उन्होंने कहा कि गृह विभाग ने इन मुकदमों को वापस ले लिया है।
संरक्षण
आरे की 800 एकड़ जमीन को घोषित किया गया आरक्षित वन- उद्धव
उद्धव ने कहा कि आरे की 800 एकड़ जमीन को पहले ही आरक्षित वन घोषित किया जा चुका है, जो पहले प्रस्तावित किए गए 600 एकड़ से 200 एकड़ अधिक है। बता दें कि एक बार आरक्षित वन घोषित किए जाने के बाद किसी जमीन पर विकास कार्य नहीं किए जा सकते।
उद्धव ने कहा, "आरे के जंगलों में आदिवासियों के अधिकारों पर कोई अतिक्रमण नहीं होगा। आरे की जैव विविधता को संरक्षित और बचाने की जरूरत है। "