कोलकाता: भाजपा के प्रदर्शन में सिख व्यक्ति की पगड़ी खींचे जाने के मामले ने पकड़ा तूल
बीते गुरुवार को भाजपा के युवा मोर्चा ने पश्चिम बंगाल में एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था। इस दौरान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ पुलिसकर्मी एक सिख व्यक्ति को खींच रहे हैं और उसकी पगड़ी खुली हुई है। यह वीडियो सामने आने के बाद भाजपा समेत कई अन्य लोग पश्चिम बंगाल पुलिस की धार्मिक भावनाओं ठेस पहुंचाने के लिए आलोचना कर रहे हैं।
'नबन्ना चलो' प्रदर्शन का है वीडियो
गुरुवार को भाजपा ने हालिया दिनों में पार्टी कार्यकर्ताओं पर हिंसक हमले और उनकी मौत के खिलाफ कोलकाता में बड़ा प्रदर्शन आयोजित किया था। 'नबन्ना चलो' नामक इस आंदोलन में भाजपा के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय और तेजस्वी सूर्या जैसे बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया था। इसी दौरान का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें पुलिसकर्मी एक सिख व्यक्ति को खींच रहे हैं और उसकी पगड़ी खुली हुई है।
भाजपा नेता के निजी सुरक्षाकर्मी हैं बलविंद्र सिंह
सिख व्यक्ति की पहचान भाजपा नेता प्रियांशु पांडे के निजी सुरक्षाकर्मी बलविंद्र सिंह के तौर पर हुई है। सिंह को भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जानकारी के अनुसार, सिंह के पास से पुलिस ने एक 9mm पिस्तौल बरामद किया है। हालांकि, सिंह के पास इसका लाइसेंस है, जो उन्होंने पुलिस को दिखा दिया है। यह लाइसेंस अगले साल जनवरी तक वैध है।
भाजपा नेता ने पश्चिम बंगाल पुलिस पर साधा निशाना
भाजपा नेता अरविंद मेनन ने सिंह की गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए पश्चिम बंगाल पुलिस पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'सरदार बलविंदर सिंह जी की पगड़ी खींच कर बंगाल पुलिस ने देश के सभी सिखों का अपमान किया है, आज ऐसा प्रतीत होता है कि बंगाल में पुनः मुग़लों का शासन स्थापित हो गया है। क्या बंगाल में एक समुदाय विशेष को छोड़ कर बाकी किसी की भी धार्मिक भावनाओं का सम्मान नही रहा?'
यहां देखिये वीडियो
हरभजन सिंह ने भी दी घटना पर प्रतिक्रिया
क्रिकेटर हरभजन सिंह ने भी यह वीडियो सामने आने के बाद प्रतिक्रिया दी है। घटना की वीडियो रिट्वीट करते हुए हरभजन सिंह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इसका संज्ञान लेने की अपील की है।
पश्चिम बंगाल पुलिस का इस पर क्या कहना है?
मामले में धार्मिक भावनाओं का सम्मान न करने के आरोप झेल रही पश्चिम बंगाल पुलिस ने इस घटना को लेकर सफाई दी है। पुलिस की तरफ से कहा गया है कि उक्त व्यक्ति प्रदर्शन के दौरान हथियार लेकर चल रहा था। झड़प के दौरान पगड़ी अपने आप नीचे गिर गई। पुलिस अधिकारी की तरफ से ऐसा नहीं किया गया था। पुलिस का मकसद किसी भी समुदाय की भावनाओं को आहत करने का नहीं है।
सभी धर्मों का सम्मान करती है पुलिस- बयान
बयान में आगे कहा गया है कि पश्चिम बंगाल पुलिस सभी धर्मों का सम्मान करती है। अधिकारी ने गिरफ्तारी से पहले उस व्यक्ति को पगड़ी बांधने को कहा था। पुलिस राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।