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क्या है खबर?
तमाम राजनीतिक अटकलों के बीच भाजपा ने साफ कर दिया है कि उसके बड़ी पार्टी बनने के बावजूद बिहार में नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे। भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि उनकी पार्टी ने नीतीश को मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया था और वह मुख्यमंत्री बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव में कम-ज्यादा सीटें जीतना लगा रहता है और भाजपा और जनता दल यूनाइटेड (JDU) बराबर के सहयोगी हैं।
नतीजे
भाजपा को मिली हैं JDU से ज्यादा सीटें
मंगलवार को आए बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और उसकी JDU से ज्यादा सीटें आई हैं। चुनाव में भाजपा को 74 तो JDU को 43 सीटें मिली हैं और इससे सारे स्थिति उलट गई है। अभी तक गठबंधन में JDU बड़े भाई की भूमिका में रही है और यह पहली बार है जब भाजपा JDU से बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
इतिहास
बिहार में आज तक नहीं बना है भाजपा का मुख्यमंत्री
हिंदी राज्यों में बिहार एकमात्र ऐसा राज्य है जहां भाजपा का मुख्यमंत्री नहीं रहा है और यहां अपना मुख्यमंत्री बनाना भाजपा का एक बहुत बड़ा सपना रहा है। इसी कारण जब चुनाव में उसे JDU से अधिक सीटें मिलीं तो उसके अपनी इस महत्वाकांक्षा को पूरी करने के लिए कदम उठाने की अटकलें लगाई जाने लगीं। इसके अलावा कई विशेषज्ञों ने ये भी कहा कि इतनी कम सीटें होने के कारण नीतीश को खुद मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहिए।
बयान
सुशील मोदी बोले- नीतीश ही रहेंगे मुख्यमंत्री
इन्हीं सब कारणों से अटकलें लगाई जा रही थीं कि क्या JDU से बड़ी पार्टी बनने के बाद भी भाजपा नीतीश को मुख्यमंत्री बनाएगी और अब पार्टी ने इन सभी अटकलों को खारिज कर दिया है। सुशील मोदी ने आज कहा, "नीतीश जी मुख्यमंत्री बने रहेंगे क्योंकि ये हमारी प्रतिबद्धता थी। इस पर कोई भ्रम नहीं है। चुनाव में कुछ कम सीटें जीतते हैं, कुछ ज्यादा सीट जीतते हैं। लेकि हम बराबर के सहयोगी हैं।"
अन्य बयान
बिहार भाजपा अध्यक्ष भी बोले- नीतीश कुमार ही रहेंगे मुख्यमंत्री
सुशील मोदी से पहले बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल भी नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बने रहने की बात कह चुके हैं। उन्होंने कहा, " इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चुनाव से बहुत पहले ही स्पष्ट कर दिया है। इसमें कोई शंका नहीं है कि नीतीश कुमार हमारे मुख्यमंत्री हैं। इस पर दोबारा विचार करने का कोई सवाल ही नहीं है। गठबंधन में जूनियर या सीनियर पार्टनर का कोई मतलब नहीं होता।"
समीकरण
LJP वोट नहीं काटती तो सबसे बड़ी पार्टी होती JDU
बता दें कि JDU के भाजपा से नीचे लुढ़कने की एक मुख्य वजह चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) भी रही है। NDA में शामिल होते हुए भी LJP ने JDU के खिलाफ उम्मीदवार उतारे थे और NDTV के विश्लेषण के अनुसार, अगर LJP JDU के वोट नहीं काटती तो JDU सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती थी। अटकलें हैं कि ठीक इसी चीज के लिए भाजपा के इशारे पर चिराग अलग हुए थे।
जानकारी
भाजपा करती रही है चिराग की बगावत के पीछे हाथ होने से इनकार
हालांकि भाजपा चिराग और LJP की इस बगावत के पीछे अपना हाथ होने से इनकार करती रही है। सुशील मोदी कह चुके हैं कि चिराग बिहार में NDA का हिस्सा नहीं हैं और केंद्र में बने रहने पर भी जल्द फैसला लिया जाएगा।