भाजपा की 2024 चुनाव की तैयारी, अमित शाह और जेपी नड्डा ने ली मंत्रियों की बैठक
विपक्ष में चल रही एकजुटता की तैयारियों के बीच भाजपा ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर योजना बनाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गृह मंत्री अमित शाह के साथ मंगलवार को दिल्ली में स्थित भाजपा मुख्यायल पर सभी केंद्रीय मंत्रियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। इसमें पिछले चुनाव में कम अंतर से हारी हुई 144 सीटों पर जीत हासिल करने की योजना बनाई गई।
सभी मंत्रियों को सौंपी तीन-चार सीटों की जिम्मेदारी
भाजपा सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनावों में कुल 543 सीटों में से 303 पर जीत हासिल की थी। इसके अलावा विपक्ष को 100 से अधिक सीटों पर जीत मिली थी, जिसमें कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 53 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसको देखते हुए नड्डा और शाह ने सभी मंत्रियों को कम अंतर से हारी हुई सीटों पर विशेष ध्यान देने को कहा है। इसके अलावा मंत्रियों को तीन-चार सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
भाजपा ने जीत हासिल करने के लिए क्या बनाई है योजना?
सूत्रों के अनुसार, सभी मंत्रियों को आवंटित की गई सीटों का दौरा करने और जमीनी हकीकत का पता लगाकर रिपोर्ट देने को कहा है। 2024 चुनाव को लेकर भाजपा की प्रत्येक सीट पर रणनीति वहां की जमीनी स्तर की जानकारी पर आधारित होगी। मंत्रियों से जमीनी स्तर पर पार्टी संगठन को मजबूत करने में मदद करने को भी कहा गया है। सूत्रों ने कहा कि इससे पार्टी को बूथ स्तर की मजबूती के साथ उचित रणनीति बनाने में मदद मिलेगी।
बैठक में की सभी सीटों की समीक्षा
इस बैठक में जेपी नड्डा और गृह मंत्री शाह ने सभी मंत्रियों से उनके निर्वाचन क्षेत्र का फीडबैक लेकर उसकी भी समीक्षा की। इसके साथ ही जिन सीटों पर पार्टी वर्तमान में कमजोर नजर आ रही है, वहां फिर से मजबूती हासिल करने के लिए योजना भी तैयार की। गृह मंत्री शाह ने सभी मंत्रियों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में दौरा बढ़ाने के साथ जमीनी कार्यकर्ताओं को एकजुट करने तथा उनके मनमुटावों को दूर करने को भी कहा है।
विपक्ष ने की एकजुट होकर मुकाबले की तैयारी
बता दें कि 2024 का लोकसभा चुनाव भाजपा के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होने वाला है। इसका कारण है कि विपक्ष ने एकजुट होकर मुकाबला करने की रणनीति बनाई है। इसके तहत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस और अन्य दलों के नेताओं के साथ अपने संबंधों को फिर से मजबूत करने के लिए दिल्ली का दौरा किया है। इसी तरह राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और वामपंथी दलों के नेता पहले ही हाथ मिला चुके हैं।