राज्यसभा में पहली बार NDA को बहुमत, 12 में से 11 सीटें निर्विरोध जीतीं
राज्यसभा की 12 सीटों पर उपचुनाव में सभी उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए हैं। 12 में 11 सीटों पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) उम्मीदवारों को जीत मिली है, जबकि कांग्रेस के खाते में एक सीट गई है। इसके बाद भाजपा की अगुवाई वाले NDA ने उच्च सदन में बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। इतिहास में ये पहली बार हुआ है, जब NDA को राज्यसभा में बहुमत मिला है।
कौन हैं राज्यसभा के 12 नए सदस्य?
असम से भाजपा उम्मीदवार मिशन रंजन दास और रामेश्वर तेली, बिहार से मनन कुमार मिश्रा, हरियाणा से किरण चौधरी, मध्य प्रदेश से जॉर्ज कुरियन, महाराष्ट्र से धैर्यशील पाटिल, ओडिशा से ममता मोहंता, राजस्थान से रवनीत सिंह बिट्टू और त्रिपुरा से राजीव भट्टाचार्जी को जीत मिली है। भाजपा की सहयोगी पार्टियों के नितिन पाटिल ने महाराष्ट्र और उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार से चुनाव जीता है। कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ने तेलंगाना से जीत दर्ज की है।
NDA ने कैसे पार किया बहुमत का आंकड़ा?
राज्यसभा में 245 सीटें हैं। फिलहाल 4 सीटें मनोनीत और 4 सीटें जम्मू-कश्मीर से खाली हैं। ऐसे में सदन की मौजूदा सदस्य संख्या 237 है और बहुमत का आंकड़ा 119 है। 11 सीटों पर जीत के बाद NDA के पास 112 सीटें हो गई हैं। NDA को 6 मनोनीत और एक निर्दलीय सदस्य का भी समर्थन मिला हुआ है। इन सबको मिलाकर NDA को राज्यसभा में बहुमत मिल गया है।
राज्यसभा में फिलहाल किसके पास कितनी सीटें?
राज्यसभा में NDA के पास 119 सीटें हो गई हैं। इसमें से अकेले भाजपा के पास 96 सीटें हैं। इसके अलावा तेलंगाना से कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी की जीत के बाद कांग्रेस की राज्यसभा में 27 सीटें हो गई हैं। यानी कांग्रेस के पास राज्यसभा के नेता विपक्ष की कुर्सी रहेगी। बता दें कि विपक्ष की कुर्सी पर काबिज रहने के लिए 25 सीटों की जरूरत होती है। अब राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों की संख्या 85 हो गई है।
क्यों हुए थे 12 सीटें पर उपचुनाव?
असम से कामाख्या प्रसाद और सर्बानंद सोनोवाल, बिहार से मीसा भारती और विवेक ठाकुर, महाराष्ट्र से उदयनराजे भोसले और पीयूष गोयल, हरियाणा से दीपेंद्र सिंह हुड्डा, मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया, राजस्थान से केसी वेणुगोपाल और त्रिपुरा से बिप्लब कुमार के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद 10 सीटें खाली हुई थीं। इसके अलावा तेलंगाना से के केशव राव और ओडिशा से ममता मोहंता के इस्तीफा देने के बाद 2 सीटें खाली हुई थीं।
न्यूजबाइट्स प्लस
राज्यसभा संसद का उच्च सदन है, जिसमें अधिकतम 250 सदस्य होते हैं। इनमें से 12 सदस्य भारत के राष्ट्रपति के द्वारा नामित किए जाते हैं। ये अलग-अलग क्षेत्रों के प्रतिष्ठित लोग होते हैं। बाकी के सदस्य चुनाव के जरिए चुनकर आते हैं, जिन्हें प्रदेश के विधायक चुनते हैं। राज्यसभा में सदस्य 6 साल के कार्यकाल के लिए चुने जाते हैं। इनमें से एक-तिहाई सदस्य हर 2 साल में सेवानिवृत्त हो जाते हैं।