राज्यसभा में भी घट रहा है कांग्रेस का बहुमत, 17 राज्यों से एक भी सांसद नहीं
लंबे समय तक भारतीय राजनीति के शीर्ष पर रही कांग्रेस पार्टी अब रसातल की ओर बढ़ रही है। लोकसभा में बहुमत की कमी से जूझने के बाद उसे राज्यसभा में भी इस समस्या से जूझना पड़ रहा है। आगामी द्विवार्षिक चुनावों के बाद राज्यसभा में कांग्रेस के सांसदों की संख्या बहुत कम रह जाएगी। पार्टी के लिए सबसे बड़ी चिंता भौगोलिक आधार का सिकुड़ना है। कांग्रेस का राज्यसभा में 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कोई सांसद नहीं होगा।
चुनावों के बाद मात्र 30 रह जाएगी कांग्रेस के सदस्यों की संख्या
राज्यसभा में मार्च के तक कांग्रेस सांसदों की संख्या 33 थी। चार कांग्रेसी राज्यसभा सदस्य पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं तथा नौ अन्य सदस्य जून और जुलाई में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। ऐसे में द्विवार्षिक चुनावों के बाद कांग्रेस के सदस्यों की संख्या घटकर महज 30 रह जाएगी। यह राज्यसभा में कांग्रेस का अब तक का सबसे कम बहुमत होगा। यदि द्रमुक उसे खाली होने वाली छह सीटों में से एक देती है तो तो उसकी संख्या 31 हो जाएगी।
इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से नहीं होगा कोई भी सदस्य
पंजाब में करारी हार से जहां राज्यसभा में कांग्रेस सदस्यों की संख्या में कमी आई है, वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) के सदस्य बढ़े हैं। अब उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा, दिल्ली और गोवा से कांग्रेस का राज्यसभा में कोई प्रतिनिधित्व नहीं होगा। इसी तरह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के असम की जगह राजस्थान चले जाने से पहली बार असम, मेघायल, अरुणाचल, नागालैंड, मणिपुर, सिक्किम, त्रिपुरा और मिजोरम से कांग्रेस का कोई प्रतिनिधि नहीं होगा।
कांग्रेस के राजस्थान और कर्नाटक से रहेंगे सबसे अधिक सदस्य
राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनावों के बाद कांग्रेस के पास उच्च सदन में 30 या 31 सीटें रहेंगी, उनमें से सबसे अधिक पार्टी शासित राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ़ तथा भाजपा शासित कर्नाटक से होगी। इन चुनावों के बाद कांग्रेस के राज्यसभा में राजस्थान और कर्नाटक से सबसे अधिक पांच-पांच सदस्य होंगे। इसी तरह छत्तीसगढ़ से चार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से तीन-तीन, पश्चिम बंगाल और हरियाणा से दो-दो और बिहार, केरल और झारखंड से एक-एक सदस्य होगा।
लोकसभा में भी 12 राज्यों से नहीं है कांग्रेस का एक भी सांसद
लोकसभा में भी कांग्रेस की हालत दयनीय बनी हुई है। वर्तमान में 545 सदस्यीय लोकसभा में जहां सत्ता पर आसीन भाजपा के 301 सांसद हैं, वहीं कांग्रेस के महज 53 सांसद है। हालात यह है कि देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से तो कांग्रेस का सफाया हो चुका है। इनमें हरियाणा, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा जैसे राज्य शामिल हैं। यह कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है।
लोकसभा में केरल से हैं कांग्रेस के सबसे अधिक सांसद
लोकसभा में कांग्रेस के कुल 53 सांसदों में से 28 दक्षिण भारत से हैं। इनमें केरल से 15, तमिलनाडु से आठ, तेलंगाना से तीन और कर्नाटक और पुडुचेरी से एक-एक सांसद हैं। इसी तरह पंजाब कांग्रेस आठ सीटें जीतने में सफल हुई थी। कांग्रेस के पास असम से तीन, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल से दो-दो, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, गोवा और मेघालय से केवल एक-एक सांसद रहे हैं।