पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष बनेंगे सिद्धू, अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में होंगे बदलाव- रिपोर्ट
पंजाब में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सुलह का रास्ता साफ हो गया है। समझौते के तहत सिद्धू पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष बनेंगे, वहीं अमरिंदर को अपनी कैबिनेट में भी कुछ बदलाव करने होंगे। NDTV के सूत्रों के अनुसार, जल्द ही इस समझौते का ऐलान किया जा सकता है। इस विवाद के सुलझने के बाद पार्टी राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकेगी।
ये है सुलह का फॉर्मूला
रिपोर्ट के अनुसार, सिद्धू को सुनील जाखड़ की जगह पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाएगा, वहीं दो अन्य नेताओं को भी कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाएगा। इनमें से एक नेता दलित और एक नेता हिंदू समुदाय से होगा। इसके अलावा अमरिंदर सिंह को चरणजीत चन्नी और गुरप्रीत कांगर को अपने मंत्रिमंडल से बाहर करना होगा। उनकी जगह विधानसभा अध्यक्ष राणा केपी सिंह और दलित नेता राजकुमार वर्का समेत तीन-चार नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
विधायकों ने की थी दलित चेहरों को शामिल करने की मांग
बता दें कि सरकार और पार्टी के उच्च पदों पर दलित चेहरों को शामिल करना एक ऐसी मांग थी जो ज्यादातर विधायकों ने विवाद को सुलझाने के लिए बनाई गई तीन सदस्यीय समिति के सामने रखी थी। सोनिया गांधी द्वारा बनाई गई यह समिति सिद्धू और अमरिंदर से भी मिली थी और इसी ने सिद्धू को पार्टी में कोई बड़ा रोल देकर और सरकार में फेरबदल करकेो विवाद को सुलझाने का सुझाव दिया था।
गांधी परिवार से मिलने दिल्ली आए थे सिदधू और अमरिंदर
गौरतलब है कि पंजाब में सुलह का ये फॉर्मूला ऐसे समय पर सामने आया है जब पिछले हफ्ते ही अमरिंदर सिंह दिल्ली आकर सोनिया गांधी से मिले थे। इस मुलाकात के बाद उन्होंने कहा था कि शीर्ष नेतृत्व जो भी फैसला लेगा, वो उसे स्वीकार कर लेंगे। इससे कुछ दिन पहले ही सिद्धू ने दिल्ली जाकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि इन्हीं बैठकों में सुलह का रास्ता तैयार हुआ।
इन मुद्दों को लेकर अमरिंदर पर हमलावर थे सिद्धू
2019 में कम महत्व वाला पद मिलने के कारण मंत्री पद छोड़ने वाले सिद्धू तभी से अमरिंदर सिंह पर हमलावर बने हुए हैं। हालिया समय में उन्होंने सिखों के पवित्र ग्रंथ के अपमान के मामले में पंजाब सरकार की कानूनी हार और शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस की फायरिंग को लेकर अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा था। इसके अलावा उन्होंने बिजली के बिलों को लेकर भी सरकार को कटघरे में खड़ा किया था।
अमरिंदर का सिद्धू पर पार्टी को नुकसान पहुंचाने का आरोप
अमरिंदर सिंह ने भी सिद्धू पर पलटवार किया है और पार्टी से उनकी अनुशासनहीनता की शिकायत की है। सिंह ने सिद्धू पर पार्टी को नुकसान पहुंचाने का आरोप भी लगाया है। कांग्रेस को अंदेशा था कि उसके दो बड़े नेताओं के इस खुलेआम टकराव से अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उसे नुकसान हो सकता है और इसी कारण इसे सुलझाने के लिए खुद राहुल और प्रियंका ने प्रयास किए थे।