पंजाब: नए मामलों में 81 प्रतिशत UK वेरिएंट के, युवाओं को भी वैक्सीन लगाए केंद्र- मुख्यमंत्री
क्या है खबर?
पंजाब में सामने आए कोरोना वायरस के नए मामलों में से 81 प्रतिशत मामले यूनाइटेड किंगडम (UK) में पाए गए नए वेरिएंंट के हैं। राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज इस बात की जानकारी देते हुए केंद्र सरकार से युवा लोगों को भी वैक्सीन लगाना शुरू करने की अपील की।
बता दें कि कई राज्यों में हालिया समय में आए उछाल के पीछे किसी नए वेरिएंट का हाथ होने की आशंका पहले से ही जताई जा रही थी।
जानकारी
युवाओं को ज्यादा प्रभावित कर रहा है UK वेरिएंट- अमरिंदर
अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने बताया कि पंजाब ने जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए जो 401 ताजा सैंपल भेजे थे, उनमें से 81 प्रतिशत को UK वेरिएंट से संक्रमित पाया गया।
युवा लोगों को इस वेरिएंट से सबसे अधिक संक्रमित पाया गया है और इसी कारण अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार से युवाओं को भी वैक्सीन लगाने का अनुरोध किया है। अन्य राज्य भी केंद्र सरकार से वैक्सीनेशन को खोलने की मांग कर चुके हैं।
संक्रमण
कोरोना वायरस की दूसरी लहर का सामना कर रहा है पंजाब
बता दें कि पंजाब में हालिया समय में कोरोना वायरस के मामलों में तेज वृद्धि देखने को मिली है और अभी राज्य में रोजाना लगभग 2,300 नए मामले सामने आ रहे हैं।
सबसे बड़ी चिंता की बात राज्य की मृत्यु दर है जो दूसरी लहर के दौरान 4 प्रतिशत से अधिक रही है। अभी रोजाना 30 से अधिक लोगों की मौत हो रही है जो महाराष्ट्र के बाद देश में सबसे अधिक है।
अधिक संक्रामक
70 प्रतिशत अधिक संक्रामक है UK वेरिएंट
पहली बार सितंबर में दक्षिण-पूर्व इंग्लैंंड में सामने आया कोरोना वायरस का UK वेरिएंट (B117) 70 प्रतिशत अधिक संक्रामक है और ये UK समेत यूरोप के तमाम देशों को बेहाल कर चुका है।
नए स्ट्रेन के कारण UK में हालात इतने बेकाबू हो गए थे कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को इंग्लैंड में पूर्ण लॉकडाउन लगाना पड़ा थे।
जॉनसन ने इस वेरिएंट के अधिक घातक होने और अधिक समय तक संक्रामक रहने की बात भी कही थी।
राहत
UK वेरिएंट के खिलाफ कारगर हैं वैक्सीनें
राहत की बात ये है कि मौजूदा कोरोना वैक्सीनें UK वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी हैं। इनमें से भारत में इस्तेमाल हो रहीं कोविशील्ड और कोवैक्सिन वैक्सीनें भी शामिल हैं।
दोनों ही वैक्सीनों को लैब में की गई स्टडीज में इस वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी पाया गया था। भारत सरकार वैक्सीनेशन की रफ्तार को बढ़ाकर इस वेरिएंट को काबू में कर सकती है।
इसके अलावा फाइजर की वैक्सीन भी लैब में UK वेरिएंट को निष्क्रिय करने में कामयाब रही है।