पंजाब: चुनाव से सालभर पहले तैयारियों में जुटा अकाली दल, दो उम्मीदवार भी घोषित किए
क्या है खबर?
पंजाब में विधानसभा चुनावों में अभी लगभग एक साल का समय बाकी है, लेकिन शिरोमणी अकाली दल (SAD) ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं।
यहां तक कि पार्टी ने अगले साल होने वाले चुनावों के लिए दो उम्मीदवारों के नामों का भी ऐलान कर दिया है।
लगातार 10 साल सत्ता में रहने के बाद SAD 2017 में हुए चुनावों में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बाद तीसरे स्थान पर रही थी।
विधानसभा
इस बार अकेले चुनावों में उतर सकती है SAD
अब तक भाजपा के साथ चुनाव लड़ती आई शिरोमणि अकाली दल इस बार अकेले मैदान में उतर सकती है। कृषि कानूनों पर तकरार के चलते SAD और भाजपा के रास्ते अलग-अलग हो चुके हैं।
द प्रिंट के अनुसार, पिछले एक हफ्ते में SAD प्रमुख और फिरोजपुर से सांसद सुखबीर सिंह बादल दो चुनावी रैलियां आयोजित कर चुके हैं और कई कार्यकर्ता सम्मेलनों में शामिल हो चुके हैं।
117 विधानसभा सीटों वाले राज्य में पार्टी दो उम्मीदवार घोषित कर चुकी है।
पंजाब
दो रैलियों में दो उम्मीदवारों का ऐलान
बीते रविवार को सुखबीर बादल ने अपनी गृह विधानसभा जलालाबाद में रैली कर चुनाव प्रचार की शुरुआत की थी।
इस रैली में उन्होंने खुद को उम्मीदवार घोषित किया था। फिरोजपुर से लोकसभा सांसद बनने से पहले बादल इसी सीट से विधायक थे।
इसके बाद सोमवार को खेमकरण में हुई रैली में बादल ने पूर्व विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता विरसा सिंह वल्होत्रा को उम्मीदवार घोषित किया। बादल के कोरोना संक्रमित होने के कारण कई रैलियां रद्द की गई हैं।
2017 विधानसभा चुनाव
पिछले चुनावों में कैसा रहा था पार्टी का प्रदर्शन?
जानकारों का कहना है कि इस बार पार्टी के सामने बड़ी चुनौती है और ऐसी स्थिति में समय रहते प्रचार अभियान शुरू करना अच्छी रणनीति है।
2017 विधानसभा चुनाव में SAD ने 94 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से महज 15 ही जीत हासिल कर पाए थे। वहीं भाजपा के खाते में गई 23 सीटों में से तीन उम्मीदवार जीतकर विधायक बने थे।
कांग्रेस को इन चुनावों में 77 और आम आदमी पार्टी को 20 सीटें मिली थीं।
रणनीति
इस रणनीति के साथ आगे बढ़ रही SAD
SAD 'पंजाब मांगदा जवाब (पंजाब जवाब मांग रहा)' के नारे के साथ चुनाव अभियान में उतरी है।
इसके जरिये पार्टी मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को निशाना बना रही है। पार्टी का आरोप है कि सिंह ने चुनावों के वक्त किए गए वादे पूरे नहीं किए हैं।
अपनी रैलियों में सुखबीर सिंह बादल लोगों से कहते हैं कि अमरिंदर सिंह ने हर घर नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन उसे पूरा नहीं किया गया है।