
तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर श्रेय लेने की होड़, पूर्व गृहमंत्री चिदंबरम ने बताई पूरी कहानी
क्या है खबर?
मुंबई में 26/11 आतंकी हमले का मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा अमेरिका से भारत आ गया है और अब भाजपा और कांग्रेस के बीच इसका श्रेय लेने की होड़ मच गई है।
केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा नेतृत्व वाली सरकार का कहना है कि कांग्रेस आतंकी हमले के बाद वोट बैंक की राजनीति में लगी थी, जबकि 2014 के बाद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण मुमकिन हो पाया।
इसका पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने जवाब दिया है।
जवाब
सच्चाई भाजपा के दावों से कोसों दूर- चिदंबरम
कांग्रेस ने चिदंबरम का बयान एक्स पर साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा, "26/11 आतंकवादी हमलों के मुख्य आरोपियों में एक तहव्वुर हुसैन राणा को भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया, लेकिन पूरी कहानी बताना जरूरी है, जबकि मोदी सरकार श्रेय के होड़ में लगी है। सच्चाई उनके दावों से कोसों दूर है। यह प्रत्यर्पण डेढ़ दशक की कठिन, परिश्रमी और रणनीतिक कूटनीति का परिणाम है, जिसकी शुरुआत, अगुवाई और निरंतरता UPA सरकार ने अमेरिका के साथ समन्वय द्वारा सुनिश्चित की।"
जवाब
पहली कड़ी कार्रवाई 2009 में हुई- चिदंबरम
चिदंबरम ने आगे लिखा, "इस दिशा में पहली बड़ी कार्रवाई 11 नवंबर, 2009 को हुई, जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दिल्ली में डेविड कोलमैन हेडली और राणा के खिलाफ केस दर्ज किया। उसी महीने कनाडा के विदेश मंत्री ने भारत के साथ खुफिया सहयोग की पुष्टि की, जो UPA की कुशल विदेश नीति का परिणाम था। 2011 के अंत से पहले NIA की टीम हेडली से पूछताछ के लिए अमेरिकी गई थी, तब अमेरिका ने सबूत सौंपे थे।"
जवाब
मोदी सरकार का सफलता से कोई लेना-देना नहीं- चिदंबरम
चिदंबरम ने कहा, "फरवरी 2025 में नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका श्रेय ले रहे हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि यह उपलब्धि वर्षों पुरानी UPA सरकार की नींव लगातार मेहनत का प्रतिफल है।"
उन्होंने लिखा कि मोदी सरकार ने न तो इस प्रक्रिया की शुरूआत की और न कोई नई सफलता हासिल की, बल्कि यह उस संस्थागत ढाचे का लाभ उठा रही है, जिसे UPA सरकार ने मेहनत, समझदारी और राजनीतिक दूरदर्शिता से खड़ा किया है।
ट्विटर पोस्ट
पी चिदंबरम का पूरा बयान
26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य आरोपियों में से एक तहव्वुर हुसैन राणा को 10 अप्रैल, 2025 को भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया, लेकिन पूरी कहानी बताना जरूरी है।
— Congress (@INCIndia) April 10, 2025
जबकि मोदी सरकार इस घटनाक्रम का श्रेय लेने के लिए होड़ में लगी है, सच्चाई उनके दावों से कोसों दूर है।
यह प्रत्यर्पण डेढ़… pic.twitter.com/DhduPBQvXR