
अमित शाह का राज्यसभा में दावा, कहा- 31 मार्च, 2026 तक नक्सलवाद मुक्त हो जाएगा भारत
क्या है खबर?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बजट सत्र के दूसरे चरण में शुक्रवार को राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा का जवाब दिया।
उन्होंने उरी और पुलवामा में हुए आतंकवादी हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने 10 दिन पाकिस्तान में घुसकर अपना बदला लिया और देश को इजरायल-अमेरिका की सूची में ला दिया।
इस बीच उन्होंने दावा किया कि 31 मार्च, 2026 तक भारत नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा। आइए जानते उन्होंने क्या कुछ कहा।
बदला
भारत ने पाकिस्तान से 10 दिन में लिया बदला- शाह
शाह ने कहा, "3 समस्याएं दशकों से नासूर बन गई थीं। एक वामपंथी उग्रवाद, दूसरा पूर्वोत्तर का उग्रवाद और तीसरा आतंकवाद। पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकी आते थे और कोई त्योहार नहीं होता था।"
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने के बाद भी हमले हुए। उरी और पुलवामा में हमला हुआ, लेकिन 10 दिन में पाकिस्तान में घर में घुसकर एयर स्ट्राइक कर जवाब दिया। इसके साथ ही भारत का नाम इजरायल और अमेरिका की महान सूची में जुड़ गया।"
तेवर
"आतंकी जहां मरते हैं, वहीं दफना दिए जाते हैं"
शाह ने कहा, "पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकी मारे जाते थे तो बड़ा जुलूस निकलता था। आज भी आतंकी मरते हैं, लेकिन जहां मरते हैं, वहीं दफना दिए जाते हैं। श्रीनगर के लाल चौक पर कोई घर ऐसा नहीं जिस पर तिरंगा अभियान में तिरंगा न फहराया गया हो।"
उन्होंने कहा, "पहले घर का कोई आतंकी बन जाता था और परिवार के लोग आराम से सरकारी नौकरी करते थे। हमने उनको निकालने का काम किया और जेलों में बंद किया।"
सफलता
आतंकवाद से होने वाली मौतों में आई 70 प्रतिशत की कमी
शाह ने कहा कि जब विकास होता है तो अमन अपने आप आता है। जम्मू-कश्मीर में 2019-24 के दौरान 40,000 सरकारी नौकरियां प्रदान की गईं, 1.51 लाख स्वरोजगार सृजित हुए। इसी दौरान कौशल क्लब भी चालू किए गए।
उन्होंने कहा जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के कारण होने वाली मौतों में 70 प्रतिशत की कमी आई है और आतंकवादी हमलों की संख्या 2004 और 2014 के बीच 7,217 से घटकर 2,242 पर आ गई है। यह बड़ी उपलब्धि है।
वादा
शाह ने किया नक्सलवाद खत्म करने का वादा
गृहमंत्री शाह ने वादा किया कि 31 मार्च, 2026 को देश नक्सलवाद से मुक्त होगा। सरकार संवाद सुरक्षा और समन्वय के सिद्धांत को आधार बनाकर वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है।
उन्होंने कहा कि नक्सलवाद राजनीतिक समस्या नहीं है। इसे खत्म करना जरूरी है और एक साल के अंदर भारत सरकार इसे खत्म करके रहेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास कर रही है, ताकि वहां के लोग मुख्य धारा के साथ जुड़ सकें।
मौत
इस साल कितने नक्सली मारे गए?
गृह मंत्रालय के अनुसार, 2025 में अब तक 90 नक्सली मारे जा चुके हैं, 104 को गिरफ्तार किया गया है और 164 ने आत्मसमर्पण किया है। वर्ष 2024 में 290 नक्सली मारे गए थे, 1090 को गिरफ्तार किया गया और 881 ने आत्मसमर्पण किया था।
2004 से 2014 के बीच नक्सली हिंसा की कुल 16,463 घटनाएं हुई थीं, जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में 2014 से 2024 के बीच हिंसक घटनाओं की संख्या 53 प्रतिशत घटकर 7,744 रह गई हैं।
राहत
पूर्वोत्तर की समस्या भी समाप्त होने की कगार पर- शाह
शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत की समस्या भी समाप्त होने के कगार पर हैं। हिंसक घटनाओं में 70 फीसदी कमी आई है। 2019 से अब तक 12 शांति समझौते हुए हैं। 10,000 हजार से अधिक युवा हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटे हैं।
उन्होंने कहा कि बोडोलैंड में हजारों हजार युवा विकास के काम में जुटे हैं। असम में 5 लाख करोड़ के निवेश का समझौता हुआ है। आज वहां शांति है। त्रिपुरा की स्थिति में भी सुधार हुआ है।
ड्रग्स
ड्रग्स के खिलाफ अकेले लड़ाई नहीं लड़ सकती सरकार- शाह
शाह ने कहा कि ड्रग्स गंभीर समस्या है। ये लड़ाई अकेले सरकार नहीं लड़ सकती। सरकार ने इससे लड़ने के लिए कई सारे प्रयास भी किए हैं और त्रिकोणीय एक्शन प्लान बनाया है। केंद्र इस मामले में राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
उन्होंने कहा ड्रग्स व्यापार नहीं है। यह पूरी दुनिया के युवाओं के लिए खतरा है। इससे नस्ले बर्बाद हो रही है। ऐसे में इसके खिलाड़ लड़ाई में हर नागरिक को अपना योगदान देना चाहिए।
जानकारी
5 साल में जलाई 14,000 करोड़ रुपये की सिंथेटिक ड्रग्स
शाह ने कहा कि पिछले 5 साल में 14,000 करोड़ से अधिक की सिंथेटिक ड्रग्स जलाई है। सिंथेटिक ड्रग बनाने वाली 72 लैबों की पहचान कर उन्हें नष्ट किया है। इस संबंध में कुल 6.56 लाख मामले दर्ज किए हैं और 2,453 गिरफ्तारी हुई है।