
जम्मू-कश्मीर: महबूबा मुफ्ती को जेल से उनके घर पर किया शिफ्ट, जारी रहेगी हिरासत
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमाेक्रेटिक पार्टी (PDP) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को मंगलवार को अस्थाई जेल से उनके घर शिफ्ट कर दिया गया है।
हालांकि, उन्हें अभी जन सुरक्षा अधिनियम (PSA) से मुक्त नहीं किया गया है और वह अगले आदेश तक अब अपने घर में ही कैद रहेंगी।
इसके लिए जम्मू-कश्मीर गृह विभाग ने उनके सरकारी निवासी फेयर व्यू काे पूरक जेल का दर्जा दिया है। उनकी नजरबंदी को PSA के तहत हिरासत में बदल दिया गया था।
पृष्ठभूमि
महबूबा मुफ्ती को हिरासत में क्यों लिया गया था?
केंद्र सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के दौरान राज्य में हिंसा को रोकने के लिए महबूबा मुफ्ती, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला को भी हिरासत में लिया गया था।
इन नेताओं पर बाद में PSA भी लगाया गया था। इस कानून का उपयोग आमतौर पर आतंकवाद, आतंकवादियों और अलगाववादी नेताओं पर किया जाता है।
सरकार की इस कार्रवाई का विपक्ष के नेताओं ने जमकर विरोध किया था।
सहयोग
रिहा होने के बाद उमर ने की थी महबूबा मुफ्ती की रिहाई की मांग
पिछले महीने सरकार ने फारूक अब्दुल्ला और उनके बेट उमर को रिहा कर उन पर लगे PSA को भी हटा दिया था।उसके बाद उमर ने महबूबा मुफ्ती की रिहाई की मांग की थी।
उन्होंने कहा था कि यदि भारत सरकार के पास कोरोना वायरस जैसी महामारी के बीच लॉकडाउन लागू करने का का समय है तो उन्हें महबूबा मुफ्ती को रिहा करने का समय क्यों नहीं मिल सकता है। सरकार को उन्हें भी रिहा करना चाहिए।
ट्विटर पोस्ट
महबूबा मुफ्ती को आंशिक राहत देने पर उमर ने कसा सरकार पर तंज
. @MehboobaMufti must be set free. Shifting her home while continuing to keep her detained is a cop out.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) April 7, 2020
दावा
महबूता पर PSA लगाने के लिए यह किया गया था दावा
इससे पहले एक PSA डोजियर ने बताया कि महबूबा मुफ्ती को हिरासत में क्यों लिया गया था।
डोजियर ने दावा किया कि मुफ्ती ने आतंकवाद और अलगाववाद का समर्थन किया था।
इसके अलावा यह भी बताया था मुफ्ती पहले भी कई उत्तेजक बयान दे चुकी हैं। इनता ही नहीं उनके राजनीतिक करियर में कई बार उनके बयानों से क्षेत्र में हिंसा भी भड़की चुकी है।
ऐसे में उनका खुला रहना जन सुरक्षा कानून के लिए बड़ा खतरा है।
जानकारी
मुफ्ती पर लगा था सुरक्षा बलों का मनोबल गिराने का आरोप
महबूबा मुफ्ती पर प्रदेश की जनता को उकसाने और कानून व्यवस्था को प्रभावित करने का भी आरोप लगाया गया था। इसके अलावा यह भी आरोप लगाया गया था कि वह अपने बेतुके बयानों से सुरक्षा बलों मनोबल गिराने का प्रयास कर रही हैं।
मुख्यमंत्री
जम्मू-कश्मीर राज्य की अंतिम मुख्यमंत्री थीं महबूबा मुफ्ती
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर राज्य की अंतिम मुख्यमंत्री थीं।
इसके बाद राज्य से अनुच्छेद-370 हटाकर उसे और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया गया था।
केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा ने साल 2014 में PDP से गठबंधन कर जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाई थीं।
हालांकि, जून 2018 में भाजपा ने गठबंधन तोड़ दिया था और उसके बाद वहां राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया था।