उत्तर प्रदेश: दो युवकों ने कश्मीरी युवक को पीटा, वीडियो वायरल होने के बाद एक गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के दलीगंज इलाके में ड्राई फूड बेचने वाले एक कश्मीरी युवक को पीटने के लिए एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद आरोपी की गिरफ्तारी हुई है। वायरल वीडियोज में भगवा वस्त्र पहने हुए कुछ युवकों को पीड़ित व्यक्ति को पीटते हुए देखा जा सकता है। जम्मू-कश्मीर के नेता उमर अब्दुल्ला ने वीडियो ट्वीट करते हुए इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
लाठी से कश्मीरी युवक को पीट रहा है एक युवक
वायरल वीडियो में भगवा वस्त्र पहने हुए दो व्यक्तियों को देखा जा सकता है, जिनमें से एक के हाथ में लाठी है और वह उससे कश्मीरी युवक को पीट रहा है। दूसरा व्यक्ति उसे थप्पड़ से मार रहा है। अपने बचाव के लिए कश्मीरी युवक रोते हुए भाग रहा है। मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने जब दोनों युवकों से पूछा कि वह उसे क्यों मार रहे हैं तो उन्होंने कहा, "ये कश्मीरी है, वहां ये पत्थर बरसाते हैं।"
पीड़ित से गाली-गलौज कर रहे हैं आरोपी
मौके पर मौजूद व्यक्ति ने किया बीच-बचाव
इस बीच लाल जैकेट पहने हुए एक व्यक्ति बीच-बचाव करके कश्मीरी युवक को बचाता है। वह आरोपियों से कानून हाथ में ना लेने को कहता है । वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने बताया कि मामले में पुलिस ने आरोपी बजरंग सोनकर को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार, सोनकर की आपराधिक पृष्ठभूमि है और उसके नाम पहले से ही हत्या समेत 12 मामले चल रहे हैं। दूसरे युवक के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है।
उमर अब्दुल्ला का मोदी पर निशाना
NC नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, "जम्मू-कश्मीर में भारत के विचार के लिए ऐसे वीडियोज से ज्यादा नुकसानदायक कुछ नहीं हो सकता। इन बजरंग दल और RSS के गुंडों की तरह कश्मीरियों को पीटते रहिए और फिर 'अटूट अंग' की बात करते रहिए। यह काम नहीं करेगा।" अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा। उन्होंन कहा, "राज्य में आपका चुना गया मुख्यमंत्री है। क्या हम कार्रवाई की उम्मीद कर सकते हैं या यह भी जुमला था?"
उमर अब्दुल्ला का प्रधानमंत्री मोदी से सवाल
महबूबा मुफ्ती ने भी उठाए सवाल
PDP नेता महबूब मुफ्ती ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि कश्मीरियों का अपमान किया जाता है और उन्हें महसूस कराया जाता है कि वह इस देश से नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि इसके बाद हम युवाओं के आतंकवादी संगठनों की शरण में जाने पर चौंकते क्यों हैं। बता दें कि पुलवामा में 14 फरवरी को CRPF काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में कश्मीरियों के साथ भेदभाव और हमले की कई खबरें सामने आई हैं।