गुजरात में बनेंगी फ्लाइंग कारें, अगले साल से शुरू होगा प्रोडक्शन
नीदरलैंड की जानी-मानी कंपनी PAL-V (पर्सनल एयर लैंड व्हीकल) अब गुजरात में फ्लाइंग कार बनाएगी। कंपनी यहां मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाएगी और अगले साल तक फ्लाइंग कारों का प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा। इसे लेकर गुजरात सरकार और कंपनी के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। राज्य सरकार ने कहा है कि वह केंद्र से कंपनी को सभी मंजूरियां दिलवाने में मदद करेगी। PAL-V का यह भारत में पहला प्लांट होगा। आइये, यह पूरी खबर जानते हैं।
अमेरिका और यूरोपीय देशों में भेजी जाएंगी कारें
कंपनी के वाइस प्रेसिडेंस कार्लो मासबोम्मेल ने कहा कि विश्व-स्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर, व्यापार करने में सुगमता, बेहतर पोर्ट और लॉजिस्टिक सुविधाओं के चलते गुजरात में यह प्लांट लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कंपनी ने अगले साल तक प्रोडक्शन शुरू करने का लक्ष्य रखा है। यहां बनी कारों का अमेरिका और यूरोपीय देशों के अलावा बाकी देशों में भी निर्यात किया जाएगा। कंपनी को अभी तक 110 कारें निर्यात करने का ऑर्डर मिल चुका है।
ये हैं फ्लाइंग कार की विशेषता
गुजरात में चलने वाली कारों की विशेषताओं के बारे में बात करते हुए मासबोम्मेल ने बताया, "PAL-V फ्लाइंग कार में दो इंजन होते हैं। ये 160 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से सड़क पर दौड़ सकती है और 180 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से हवा में उड़ सकती है। यह कार महज तीन मिनट में उड़ने वाली कार बन सकती है और एक बार टैंक फुल कराने पर 500 किलोमीटर का सफर तय सकती है।"
कार में बैठ सकते हैं दो लोग
कंपनी का दावा है कि उसके पास दुनिया का पहली फ्लाइंग कार का प्रोडक्शन मॉडल है। इसे लिबर्टी नाम दिया गया है। दो इंजन वाली इस कार में सेल्फ स्टेबलाइजेशन, कर्व स्टेबलाइजेशन जैसे फीचर हैं और इसमें दो लोग बैठ सकते हैं और 20 किलोग्राम तक भार रखा जा सकता है। यह कुल 910 किलो भार के साथ उड़ान भर सकती है। कंपनी का कहना है कि यह महज नौ सेकंड में 0-100 किलोमीटर की स्पीड पकड़ सकती है।
उड़ान के लिए चाहिए इतना लंबा ट्रैक
इस कार को उड़ान भरने के लिए 330 मीटर लंबे ट्रैक की जरूरत होती है और यह 3,500 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भर सकती है। इसमें लगा इंजन 200hp की पावन जनरेट करती है।