RBI ने लगाईं यस बैंक पर पाबंदियां, जानिए इससे जुड़ी सभी बड़ी बातें
गुरुवार देर शाम को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने निजी बैंक 'यस बैंक' के अधिकार अपने हाथ में लेते हुए उसके निदेशक मंडल को भंग कर दिया। RBI ने यस बैंक के ग्राहकों के पैसा निकालने पर पाबंदी लगा दी है और वे एक महीने में 50,000 से अधिक पैसा नहीं निकाल पाएंगे। बैंक की खस्ताहाल आर्थिक स्थिति को देखते हुए ये फैसला लिया गया है और इसे बचाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) इसमें निवेश कर सकता है।
यस बैंक पर लगी हैं ये पाबंदियां
नकदी संकट से जूझ रहे यस बैंक को बचाने के अपने प्रयासों के तहत RBI ने कल देर शाम घोषणा की थी कि यस बैंक के निदेशक मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग किया जा रहा है और SBI के पूर्व वित्त अधिकारी प्रशांत कुमार अब इसका कार्यभार संभालेंगे। यस बैंक के लोन देने या पुराने लोन के नवीनीकरण करने, कोई निवेश करने, कोई दायित्व लेने और कोई भुगतान चुकाने पर भी पाबंदी लगा दी गई है।
50,000 से अधिक रुपये नहीं निकाल पाएंगे ग्राहक
इसके अलावा यस बैंक के ग्राहकों पर अकाउंट से एक महीने में 50,000 रुपये से अधिक राशि निकालने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। हालांकि कुछ चुनिंदा जरूरी मामलों में इससे अधिक राशि निकाली जा सकती है लेकिन इसके लिए पहले से मंजूरी लेनी होगी। ये पाबंदियां 3 अप्रैल तक लागू रहेंगी। इस बीच यस बैंक को अपने 20,000 से अधिक कर्मचारियों को वेतन और किराया देने की इजाजत होगी।
घोषणा के बाद ATM के बाहर लगी लंबी लाइनें
RBI की इस घोषणा के बाद यस बैंक के ग्राहकों में अफरा-तफरी देखने को मिली और ATM के बाहर लंबी लाइनें लग गईं। मुंबई में पुलिस को यस बैंक ATM पर सुरक्षा के लिए अलर्ट भेजना पड़ा। इस बीच RBI ने ग्राहकों को आश्वासन दिया कि उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है और उनके हितों की पूरी तरह से रक्षा की जाएगी। RBI ने जल्द ही बैंक को बचाने के लिए योजना पेश करने की बात कही है।
SBI के केंद्रीय बोर्ड ने दी निवेश की सैद्धांतिक मंजूरी
RBI की इस घोषणा के कुछ घंटे बाद ही SBI के केंद्रीय बोर्ड ने यस बैंक में निवेश की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। शेयर बाजार को इसकी जानकारी देते हुए SBI ने कहा कि वो यस बैंक में निवेश के अवसर तलाशेगी। खबरों के अनुसार, केंद्र सरकार ने SBI और भारतीय बीमा निगम (LIC) को यस बैंक में सामूहिक रूप से 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने को कहा है ताकि उसे डूबने से बचाया जा सके।
क्यों खराब है यस बैंक की आर्थिक स्थिति?
भारत के पांचवे सबसे बड़े निजी बैंक यस बैंक की आर्थिक स्थिति काफी समय से खराब बनी हुई है। ग्राहकों के लोन न चुका पाने और पूंजी जुटाने में नाकामी को इसका एक अहम कारण माना जा रहा है। इसके अलावा प्रशासन संबंधी गंभीर समस्याओं ने इस संकट को और गहरा कर दिया है। बैंक पिछले एक साल से पूंजी जुटाने की कोशिश कर रहा है लेकिन उसे कोई निवेशक नहीं मिला है, जिसके बाद RBI ने दखल दी है।
यस बैंक के ग्राहक हैं तो क्या करें?
अगर आपका यस बैंक में सैलरी अकाउंट है तो आपको कहीं ओर से पैसे का इंतजाम करने के बारे में सोचना चाहिए। इसके अलावा अगर आपके ऊपर हाउस लोन समेत किसी भी अन्य तरीके का लोन चल रहा है और उसकी EMI यस बैंक के अकाउंट से कटती है तो आपको संबंधित बैंक से बात करके EMI भरने के लिए एक महीने का अतिरिक्त समय मांग लेना चाहिए। एक महीने बाद अधिकतम कैश निकालने की सीमा बढ़ाई जा सकती है।