प्रधानमंत्री की तेल पर टैक्स कम करने की मांग पर मुख्यमंत्रियों ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिन राज्यों से तेल पर लगने वाले VAT (वैल्यू एडेड टैक्स) कम करने की मांग की थी। उन्होंने विपक्षी शासित कुछ राज्यों के नाम लेते हुए कहा कि इन राज्यों ने VAT कम नहीं किया, जिसके चलते लोगों को राहत नहीं मिल सकी। प्रधानमंत्री के इस बयान पर कई मुख्यमंत्रियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। वहीं कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस आदि ने इस बयान को लेकर प्रधानमंत्री की आलोचना की है।
मोदी ने क्या कहा था?
बीते दिन प्रधानमंत्री ने कहा कि तेल की कीमत का बोझ कम करने के लिए केंद्र ने पिछले साल नवंबर में एक्साइज ड्यूटी कम की थी। इसके बाद कुछ राज्यों ने तो टैक्स कम कर दिया, लेकिन कुछ राज्यों ने इसका फायदा लोगों को नहीं दिया। उन्होंने आगे कहा, "महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, झारखंड, तमिलनाडु ने किसी न किसी कारण से केंद्र सरकार की बातों को नहीं माना और उन राज्य के नागरिकों पर बोझ पड़ता रहा।"
प्रधानमंत्री को शर्म आनी चाहिए- केसीआर
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को राज्यों से टैक्स कम करने की बात कहते हुए 'शर्म आनी चाहिए।' उन्होंने सवाल उठाया, "राज्यों को कहने की बजाय केंद्र सरकार क्यों टैक्स कम नहीं करती? केंद्र ने न सिर्फ टैक्स बढ़ाया है बल्कि यह यह सेस (उपकर) भी इकट्ठा कर रहा है। अगर आपमें हिम्मत है तो आप टैक्स बढ़ाने का कारण बताइये।"
ममता बनर्जी ने भी साधा निशाना
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने एकतरफा और भ्रमित करने वाला भाषण दिया और उन्होंने जो तथ्य पेश किए हैं, वो गलत हैं। उन्होंने कहा, "हम तीन सालों से पेट्रोल-डीजल पर एक रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी दे रहे हैं। इस पर हमने 1,500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। केंद्र के पास हमारे 97,000 करोड़ रुपये बकाया है। ये पैसा मिलने के अगले दिन हम पेट्रोल-डीजल पर 3,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दे देंगे।"
ममता ने कहा- मुख्यमंत्रियों को बोलने का मौका नहीं दिया
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे भाजपा शासित प्रदेशों की तारीफ करने पर भी प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है। ममता ने दावा किया कि इन राज्यों को केंद्र की तरफ से बेहतर आर्थिक मदद मिलती है, जबकि पश्चिम बंगाल को कम सहायता मिलती है। उन्होंने यह भी कहा कि बैठक के दौरान प्रधानमंत्री की बातों का जवाब देने के लिए मुख्यमंत्रियों को बोलने का मौका नहीं दिया गया था।
ठाकरे बोले- राज्यों को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि तेल की कीमतों में इजाफे के लिए राज्यों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा मुंबई में एक लीटर डीजल की कीमत में 24.38 रुपये केंद्र और 22.37 रुपये राज्य के खाते में जाते हैं। पेट्रोल की कीमत में 31.58 रुपये केंद्र और 32.55 रुपये राज्य के पास आते हैं। ऐसे में यह बात सच नहीं है कि राज्य के टैक्स के कारण कीमतें बढ़ी हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
बता दें कि 137 दिनों के अंतराल के बाद देश में 22 मार्च को पहली बार देश में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए गए थे। 2017 के बाद यह पहली बार था, जब तेल की कीमतों में इतने अंतराल के बाद तेजी आई। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को इसका कारण बताते हुए कहा कि युद्ध के चलते आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है और कच्चे तेल के दाम भी बढ़े हैं।