अप्रैल तक कम हो सकते हैं पेट्रोल-डीजल और गैस के दाम- पेट्रोलियम मंत्री
तेल और रसोई गैस की महंगी कीमतों की मार झेल रहे लोगों को जल्द राहत नहीं मिलने वाली है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उम्मीद जताई है कि अप्रैल में तेल और रसोई गैस की कीमतें कम हो सकती हैं। यानी अभी भी एक महीने से ज्यादा समय तक लोगों को ईंधन के लिए ऊंची कीमत चुकानी होगी। प्रधान ने कहा कि उन्होंने तेल उत्पादक देशों से उत्पादन बढ़ाने को कहा है ताकि लोगों को राहत मिल सके।
उत्पादन कम होने के कारण बढ़े दाम- प्रधान
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, प्रधान ने कहा, "पिछले साल अप्रैल में कोरोना महामारी के कारण मांग में आई कमी के चलते कई देशों ने तेल उत्पादन कम कर दिया था। ये देश ज्यादा मुनाफे के लिए कम उत्पादन कर रहे हैं। अभी तेल का उत्पादन कम हो रहा है, लेकिन मांग महामारी से पहले वाले स्तर पर पहुंच गई है। इसी वजह से भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ गए हैं।"
सबसे बड़ा खरीदार होने के नाते दबाव बना रहा भारत- प्रधान
प्रधान ने कहा, "मैं तेल उत्पादक देशों के अपने समकक्षों के संपर्क में हैं और उनसे बात की है। मैंने उन्हें तेल का उत्पादन बढ़ाने को कहा है ताकि देश में ईंधन के दाम कम हो सके क्योंकि भारत इन्हीं देशों से तेल आयात करता है।" उन्होंने कहा कि तेल का सबसे बड़ा खरीदार होने के नाते भारत तेल उत्पादक देशों जैसे रूस, कतर और कुवैत दूसरे देशों पर उत्पादन बढ़ाने के लिए दबाव बना रहा है।
प्रधान ने अप्रैल तक दाम कम होने की उम्मीद जताई
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब इन देशों में उत्पादन बढ़ेगा तो दाम कम हो जाएंगे, जिसके बाद लोगों को कम कीमत चुकानी होगी। जब उनसे पूछा गया कि ईंधन के दाम कब तक कम होंगे तो उन्होंने कहा कि ऐसा अनुमान नहीं लगाया जा सकता, लेकिन मार्च-अप्रैल तक ईंधन सस्ता हो सकता है। गौरतलब है कि इस महीने 16 बार इजाफे के बाद देश के कई शहरों में पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर हो गए थे।
सर्दियां खत्म होने पर कीमत घटने की बात भी कह चुके हैं प्रधान
इससे पहले शुक्रवार को प्रधान ने कहा था कि सर्दी के कारण ईंधन की खपत बढ़ी है। सर्दियां खत्म होने के साथ ही खपत कम होगी, जिसके बाद तेल और गैस के दाम कम हो जाएंगे।
मोदी ने पूर्ववर्ती सरकारों को ठहराया था जिम्मेदार
अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार बढ़ती तेल की कीमतों ने पेट्रोल-डीजल के दामों में आग लगा दी है। विपक्षी दल और लोग लगातार सरकार से कीमतों को कम करने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी ने तेल की ऊंची कीमतों के लिए पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा था यदि पूर्ववर्ती सरकारों ने ऊर्जा आयात की निर्भरता पर ध्यान दिया होता तो आज मध्यम वर्ग को ऐसी कठिनाई नहीं होती।