तेल की बढ़ती कीमतों के बीच प्रधानमंत्री मोदी की राज्यों से टैक्स घटाने की मांग
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में तेल की बढ़ती कीमतों पर बुधवार को अपनी चुप्पी तोड़ी।
उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले VAT (वैल्यू एडेड टैक्स) न घटाकर नागरिकों को इसका लाभ नहीं दिया और राजस्व कमाया है।
प्रधानमंत्री ने विपक्ष के शासन वाले राज्यों से देशहित में VAT घटाने की मांग की है।
वहीं कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने प्रधानमंत्री के इस बयान की आलोचना की है।
बयान
मोदी ने कहा क्या?
प्रधानमंत्री ने कहा कि मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र और राज्यों के बीच तालमेल और सामंजस्य पहले से अधिक जरूरी हो गया है। युद्ध की परिस्थितियों से आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है।
उन्होंने कहा कि तेल की कीमत का बोझ कम करने के लिए केंद्र ने पिछले साल नवंबर में एक्साइज ड्यूटी कम की थी। इसके बाद कुछ राज्यों ने तो टैक्स कम कर दिया, लेकिन कुछ राज्यों ने इसका फायदा लोगों को नहीं दिया।
बयान
अब VAT कम कर नागरिकों को लाभ पहुंचाएं- मोदी
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, झारखंड, तमिलनाडु ने किसी न किसी कारण से केंद्र सरकार की बातों को नहीं माना और उन राज्य के नागरिकों पर बोझ पड़ता रहा। मेरी प्रार्थना है कि नंवबर में जो करना था, अब VAT कम करके आप नागरिकों को इसका लाभ पहुंचाएं।"
उन्होंने कहा कि मुंबई में पेट्रोल 120 रुपये लीटर है, जबकि पड़ोस के केंद्र शासित प्रदेश दमन दीव में यह 102 रुपये लीटर बिक रहा है।
जानकारी
राज्यों ने कमाया 12,441 करोड़ रुपये का राजस्व
सरकारी सूत्रों के अनुसार, VAT पर कटौती न करने वाले राज्यों को पिछले छह महीनों में 12,441 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। इसमें से सबसे अधिक महाराष्ट्र को 3,472 करोड़ रुपए, तमिलनाडु को 2,924, पश्चिम बंगाल को 1,343, आंध्र प्रदेश को 1,371, तेलंगाना को 1,302, केरल को 1,187, झारखंड को 664 और दिल्ली को 173 करोड़ का राजस्व मिला।
दिल्ली सरकार ने केवल पेट्रोल पर VAT कम किया थाऔर डीजल से VAT नहीं घटाया था।
जानकारी
भाजपा शासित राज्यों को 16,000 करोड़ के राजस्व की हानि
सूत्रों के अनुसार, केंद्र के ऐलान के बाद भाजपा शासित राज्यों ने VAT कम किया था, जिससे उन्हें राजस्व में 16,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। हालांकि, उस समय भाजपा शासित राज्यों के अलावा राजस्थान और ओडिशा ने भी VAT घटाया था।
प्रतिक्रिया
कांग्रेस और TMC का सरकार पर निशाना
प्रधानमंत्री की अपील पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि केंद्र ने पेट्रोल-डीजल पर केंद्रीय एक्साइज ड्यूटी से 26 लाख करोड़ रुपये कमाए हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात का जिक्र क्यों नहीं किया? केंद्र ने राज्यों को GST का हिस्सा नहीं दिया और अब VAT घटाने की बात कह रहे हैं।
इसी तरह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य के केंद्र पर GST के 90,000 करोड़ रुपये बकाया हैं।
तेल की कीमतें
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
बता दें कि 137 दिनों के अंतराल के बाद देश में 22 मार्च को पहली बार देश में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए गए थे। 2017 के बाद यह पहली बार था, जब तेल की कीमतों में इतने अंतराल के बाद तेजी आई।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को इसका कारण बताते हुए कहा कि युद्ध के चलते आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है और कच्चे तेल के दाम भी बढ़े हैं।