Page Loader
शराब नीति मामला: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत बढ़ाई गई 
मनीष सिसोदिया की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में न्यायिक हिरासत बढ़ी

शराब नीति मामला: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत बढ़ाई गई 

लेखन नवीन
Apr 05, 2023
05:23 pm

क्या है खबर?

दिल्ली के कथित शराब नीति घोटाले में बुधवार को कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 17 अप्रैल तक बढ़ा दी। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सिसोदिया को कोर्ट में पेश करते हुए न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग की थी। 9 मार्च को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने सिसोदिया को तिहाड़ जेल में गिरफ्तार किया था, जहां वह पहले से ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जुड़े मामले में बंद थे।

ED

कोर्ट में ED ने क्या कहा?

ED का आरोप है कि सिसोदिया ने शराब नीति घोटाले में जांच को प्रभावित करने के लिए बड़े पैमाने पर सबूतों को मिटाया है और उन्होंने 14 मोबाइल फोन नष्ट कर दिये थे। जांच एजेंसी ने कहा कि लॉन्ड्रिंग से जुड़े इस मामले में सिसोदिया ने अभी कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा नहीं की हैं, जो इस जांच में बहुत महत्वपूर्ण और प्रासंगिक थीं। ऐसे में जांच के लिए उनकी न्यायिक हिरासत को और बढ़ाया जाए।

जमानत याचिका

12 अप्रैल को होगी जमानत याचिका पर सुनवाई

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका पर 12 अप्रैल को सुनवाई करेगी। इससे पहले CBI से जुड़े मामले में कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। CBI ने सिसोदिया की जमानत याचिका का यह कहते हुए विरोध किया था कि अगर सिसोदिया को जमानत मिलती है तो वह सूबतों को नष्ट करने के साथ ही जांच को प्रभावित कर सकते हैं।

आरोप

सिसोदिया पर क्या आरोप हैं?

सिसोदिया पर कमीशन लेकर शराब की दुकानों का लाइसेंस लेने वालों को अनुचित फायदा पहुंचाने का आरोप है। उन पर विदेशी शराब की कीमत में बदलाव करने और बीयर से आयात शुल्क हटाने का आरोप भी है, जिस कारण विदेशी शराब और बीयर सस्ती हो गईं और राजकोष को नुकसान हुआ। सिसोदिया पर उपराज्यपाल की मंजूरी लिए बिना कोरोना वायरस महामारी का हवाला देकर 144.36 करोड़ रुपये की निविदा लाइसेंस फीस माफ करने का आरोप भी है।

घोटाला

क्या है शराब नीति से जुड़ा मामला? 

दिल्ली सरकार ने नवंबर, 2021 में नई शराब नीति लागू की थी, जिसके बाद उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इसमें अनियमितताओं की आशंका जताते हुए मामले की CBI जांच कराने की सिफारिश की थी। जुलाई, 2022 में सरकार ने इस नीति को रद्द कर दिया था। CBI ने अपनी जांच के बाद मामले में सिसोदिया समेत अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की थी। 26 फरवरी को CBI ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया था।