मनीष सिसोदिया गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, आज ही होगी सुनवाई
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नई शराब नीति मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ इस याचिका पर शाम 3:50 बजे तत्काल सुनवाई के लिए तैयार हो गये हैं। मंगलवार को कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सिसोदिया की गिरफ्तारी और CBI जांच के तरीके को चुनौती देने वाली याचिका दायर की।
क्या था मामला?
रविवार को दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले को लेकर CBI ने करीब 8 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया था और सोमवार को उन्हें दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। इस मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने सिसोदिया को 4 मार्च तक CBI की रिमांड में भेज दिया। इसके बाद अब मंगलवार को सिसोदिया की ओर से अपनी गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
CBI ने किन धाराओं में किया है सिसोदिया को गिरफ्तार?
CBI ने रविवार को सिसोदिया को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120 B (आपराधिक साजिश), 477 A (धोखाधड़ी करने का इरादा) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत गिरफ्तार किया था। CBI की तरफ से पेश हुए वकील ने कोर्ट से सिसोदिया की 5 दिन की रिमांड की मांग करते हुए कहा था कि यह साजिश बहुत ही सुनियोजित और गुप्त तरीके से रची गई थी।
सिसोदिया के वकील ने क्या दलील दी?
सिसोदिया की तरफ से पेश हुए एक वकील ने सुनवाई के दौरान कहा कि दिल्ली की शराब नीति बनने के बाद तत्कालीन उपराज्यपाल (LG) की मंजूरी के लिए भेजी गई थी। उन्होंने कहा, "LG के सुझाव भी नीति में शामिल किए गए थे तो यह षड्यंत्र कहां से हो गया?" एक अन्य वकील ने कहा कि CBI उस फैसले की जांच करना चाहती है, जो चुनी हुई कैबिनेट द्वारा लिया गया था।
सिसोदिया ने जांच में नहीं किया सहयोग- CBI
CBI के अधिकारियों ने कहा था कि सिसोदिया से रविवार को शराब नीति को लेकर विभिन्न पहलुओं पर पूछताछ की गई, जिसमें दिनेश अरोड़ा और अन्य आरोपियों के साथ उनके संबंध और कई मोबाइल फोन से मैसेज के आदान-प्रदान का विवरण शामिल रहा। अधिकारियों का आरोप है कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और उन्होंने महत्वपूर्ण बिंदुओं पर पूछे गए सवालों पर भी कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया।
क्या है दिल्ली का शराब नीति घोटाला?
दिल्ली सरकार ने नवंबर, 2021 में नई शराब नीति लागू की थी, जिसके बाद उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस नीति में अनियमितताओं की आशंका जताते हुए मामले की जांच CBI से कराने की सिफारिश की थी। जुलाई, 2022 में सरकार ने इस नीति को रद्द कर दिया था। CBI ने अपनी जांच के बाद इस मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सिसोदिया समेत अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की थी।