शराब नीति मामला: CBI का मनीष सिसोदिया को समन, कल 11 बजे पूछताछ के लिए बुलाया
क्या है खबर?
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को नई शराब नीति से संबंधित मामले में कल सुबह 11 बजे पूछताछ के लिए बुलाया है।
CBI के इस समन पर प्रतिक्रिया देते हुए सिसोदिया ने कहा, 'मेरे घर पर 14 घंटे CBI रेड कराई, कुछ नहीं निकला। मेरा बैंक लॉकर तलाशा, उसमें कुछ नहीं निकला। मेरे गांव में इन्हें कुछ नहीं मिला। अब इन्होंने कल 11 बजे मुझे CBI मुख्यालय बुलाया है। मैं जाऊंगा और पूरा सहयोग करूंगा।'
प्रतिक्रिया
केजरीवाल ने भगत सिंह से की सिसोदिया की तुलना
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी समन पर प्रतिक्रिया देते हुए सिसोदिया की तुलना भगत सिंह से की है।
उन्होंने कहा, 'जेल की सलाखें और फांसी का फंदा भगत सिंह के बुलंद इरादों को डिगा नहीं पाए। ये आजादी की दूसरी लड़ाई है। मनीष और सत्येंद्र आज के भगत सिंह हैं। 75 साल बाद देश को एक शिक्षा मंत्री मिला जिसने गरीबों को अच्छी शिक्षा देकर सुनहरे भविष्य की उम्मीद दी। करोड़ों गरीबों की दुआएं आपके साथ हैं।'
छापा
अगस्त में CBI ने सिसोदिया के घर पर मारा था छापा
बता दें कि CBI ने नई शराब नीति में अनियमितता के मामले में कुल 15 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। मामले में सिसोदिया मुख्य आरोपी हैं।
CBI ने अगस्त में सिसोदिया के घर समेत कई जगहों पर छापा भी मारा था। वह उनके बैंक लॉकर की तलाशी भी ले चुकी है।
उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की सिफारिश पर मामले की CBI जांच हो रही है। उपराज्यपाल ने भ्रष्टाचार के लिए सिसोदिया को जिम्मेदार ठहराया है।
आरोप
सिसोदिया पर क्या आरोप हैं?
सिसोदिया पर कमीशन लेकर शराब की दुकानों का लाइसेंस लेने वालों को अनुचित फायदा पहुंचाने का आरोप है।
उन पर विदेशी शराब की कीमत में बदलाव करने और बीयर से आयात शुल्क हटाने का आरोप है जिसके कारण विदेशी शराब और बीयर सस्ती हो गईं और राजकोष को नुकसान हुआ।
सिसोदिया पर उपराज्यपाल की मंजूरी लिए बिना कोविड महामारी का हवाला देकर 144.36 करोड़ रुपये की निविदा लाइसेंस फीस माफ करने का आरोप भी है।
नई शराब नीति
न्यूजबाइट्स प्लस
अपना राजस्व बढ़ाने और शराब माफिया और नकली शराब पर अंकुश लगाने के लिए दिल्ली सरकार पिछले साल नई शराब नीति लेकर आई थी।
इसके जरिए सरकार ने अपने सभी ठेके बंद कर दिए थे और शहर में केवल शराब के निजी ठेके और दुकानें रह गई थीं। इन दुकानों के लिए दोबारा से नए लाइसेंस जारी किए गए थे। सरकार ने उन्हें डिस्काउंट पर शराब बेचने की अनुमति भी दी थी।
विवाद के कारण अभी पुरानी नीति लागू है।