ममता ने भरी विपक्षी महागठबंधन पर हामी, नीतीश के 'वन-ऑन-वन' फॉर्मूले से हुईं प्रभावित- JDU नेता
क्या है खबर?
आगामी लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्ष के महागठबंधन को लेकर हामी भर दी है। बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (JDU) प्रमुख नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद ही ममता ने तीसरा मोर्चा बनाने का इरादा छोड़ दिया था।
JDU नेता केसी त्यागी ने दावा किया आगामी चुनाव के लिए नीतीश के 'वन-ऑन-वन' के फॉर्मूले से प्रभावित होकर ममता कांग्रेस के साथ आने के लिए तैयार हुई हैं।
जानकारी
क्या है 'वन-ऑन-वन' फॉर्मूला?
'वन-ऑन-वन' फॉर्मूले का मतलब है एक सीट पर एक उम्मीदवार। नीतीश ने प्रस्ताव रखा है कि विपक्ष को संयुक्त होकर एक सीट पर एक ही उम्मीदवार खड़ा करना चाहिए और जिस सीट पर जो पार्टी मजबूत हो, वहां उसका उम्मीदवार उतारा जाना चाहिए।
रिपोर्ट
JDU नेता बोले- ममता ने 'वन-ऑन-वन' रणनीति का किया समर्थन
JDU नेता त्यागी ने NDTV से कहा, "नीतीश ने ही तृणमूल कांग्रेस (TMC) अध्यक्ष ममता के सामने लोकसभा चुनाव को लेकर 'वन-ऑन-वन' की रणनीति रखी थी, जिसका उन्होंने यह कहते हुए समर्थन किया है कि अपने गढ़ में मजबूत क्षेत्रीय पार्टियों को भाजपा से मुकाबला करने के लिए अकेला छोड़ देना चाहिए। वह ऐसी 220 सीटों पर कांग्रेस को समर्थन देने के लिए तैयार हैं, जहां दोनों राष्ट्रीय पार्टियों की सीधी टक्कर है।"
बयान
त्यागी ने और क्या कहा?
JDU नेता त्यागी ने कहा, "ममता ने 2024 लोकसभा चुनाव से पहले एक गैर-कांग्रेसी तीसरा मोर्चा बनाने का इरादा छोड़ दिया है। जब वह नीतीश से मिलीं तो उनमें विपक्षी मोर्चे की एकजुटता के बारे में सकारात्मकता दिखाई दीं।"
उन्होंने कहा, "ममता पहले भारत राष्ट्र समिति (BRS) प्रमुख के चंद्रशेखर राव और आम आदमी पार्टी (AAP) संयोजक अरविंद केजरीवाल आदि को साथ लेकर गैर-कांग्रेसी तीसरा मोर्चा बनाना चाहती थी, लेकिन अब उनका इरादा बदल गया है।"
नीतीश
विपक्षी नेताओं को एकजुट करने की कवायद में जुटे हैं नीतीश
लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश विपक्षी नेताओं को एकजुट करने की कवायद में जुटे हैं। वह पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से भी मिले थे। इस दौरान सभी नेताओं नीतीश के 'वन-ऑन-वन' फॉर्मूले पर सहमति जताई थी।
इसके बाद नीतीश कई अन्य नेताओं से मिले और उनके सामने भी ये फॉर्मूला रखा। वह 1977 के जनता पार्टी के फॉर्मूले को फिर से आजमाना चाहते हैं।
ममता
ममता ने पहले विपक्षी गठबंधन में शामिल होने से किया था इनकार
इससे पहले ममता ने लोकसभा चुनाव में किसी भी पार्टी से गठबंधन करने से साफ इनकार कर दिया था, लेकिन बाद में वह गैर-कांग्रेसी तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद में जुट गईं। उनको इस मुहिम में समाजवादी पार्टी (SP) नेता अखिलेश यादव का साथ मिला था।
बीजू जनता दल (BJD) प्रमुख नवीन पटनायक से भी ममता ने मुलाकात की थी, लेकिन कर्नाटक चुनाव के नतीजे देखकर उनका मन बदल गया और उन्होंने कांग्रेस को सशर्त समर्थन की बात कही।
सुर
कर्नाटक चुनाव के बाद ममता ने क्या कहा?
कर्नाटक चुनाव के नतीजों के बाद TMC अध्यक्ष ममता के सुर बदल गए हैं। इससे पहले वह कई मौके पर कांग्रेस पर हमलावर रही हैं।
चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत पर ममता ने कहा कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट होना चाहिए और उस पार्टी का समर्थन करना चाहिए, जो अपने संबंधित राज्य में मजबूत हो।
उन्होंने कहा कि उनके गढ़ में क्षेत्रीय पार्टियों को मौका मिलना चाहिए।
चुनाव
विपक्ष के महागठबंधन को लेकर क्या है स्थिति?
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की कवायद जारी है। नीतीश के वन-ऑन-वन फॉर्मूले से इस कवायद को थोड़ा बल मिला है और क्षेत्रीय पार्टियां भी अब कांग्रेस के नेतृत्व में आगामी चुनाव लड़ने को तैयार हैं।
विपक्ष के महागठबंधन को लेकर थोड़ी-थोड़ी तस्वीर साफ होती दिख रही है। हालांकि, अभी समाजवादी पार्टी, AAP और बहुजन समाज पार्टी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं और वह कांग्रेस से दूरी बनाये हुए हैं।