बिहार: पटना की अदालत ने तेजस्वी यादव समेत छह के खिलाफ FIR दर्ज करने को कहा
पटना की एक अदालत ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव समेत छह लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। इन पर टिकट के लिए पैसे लेने का आरोप है। पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने कोतवाली थाने को तेजस्वी यादव, उनकी बहन मीसा भारती, बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर और दिवंगत कांग्रेस नेता सदानंद सिंह के बेटे शुभानंद मुकेश के खिलाफ FIR दर्ज करने को कहा है।
क्या है मामला?
कांग्रेस नेता संजीव कुमार ने आरोप लगाया था कि 2019 लोकसभा चुनावों में भागलपुर से राजद की टिकट देने के लिए उनसे पांच करोड़ रुपये लिए गए थे, लेकिन उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया गया। कुमार का दावा है कि 15 जनवरी, 2015 को तेजस्वी यादव, मदन मोहन झा, मीसा भारती, सदानंद सिंह और राजेश राठौड़ ने कथित तौर पर पांच करोड़ रुपये लेकर टिकट देने का वादा किया था। कुमार ने पिछले महीने अदालत को अपनी शिकायत दी थी।
विधानसभा चुनाव में भी नहीं दी गई टिकट- शिकायतकर्ता
कांग्रेस नेता का आरोप है कि लोकसभा चुनाव में टिकट न मिलने के बाद उन्हें भरोसा दिया गया था कि बिहार विधानसभा चुनाव में उन्हें गोपालपुर से और उनके भाई को रूपौली सीट पर महागठबंधन की तरफ से उम्मीदवार बनाया जाएगा, लेकिन तब भी टिकट नहीं दिया गया। इस मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने पटना के SSP उपेंद्र शर्मा को सभी आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है।
जनता दल ने साधा निशाना
FIR के आदेश के बाद जनता दल यूनाइटेड ने राजद पर निशाना साधा है। पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने ट्वीट किया, 'कहा जाता है बुरा का परिणाम बुरा ही होता है। कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं। वंशवादी आरजेडी पार्टी में पैसे के बदले टिकट का धंधा करने वाले और राजनीति को पता नहीं किस निम्न स्तर तक पहुंचाएंगे। एक कहावत है। अपने जोगी नंगा तो क्या दिए वरदान। आरजेडी और कांग्रेस पर सटीक बैठता नजर आ रहा है।'
राजद ने खारिज किए आरोप
दूसरी तरफ राष्ट्रीय जनता दल ने तेजस्वी यादव और मीसा भारती पर लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए शिकायकर्ता को मानसिक रूप से अस्वस्थ करार दे दिया। पार्टी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवासी ने कहा कि जिस व्यक्ति ने टिकट के लिए पांच करोड़ रुपये देने का आरोप लगाया है, वह मानसिक रूप से अस्थिर है। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता महागठबंधन नेताओं के खिलाफ निराधार आरोप लगाकर सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहता है।