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अमित शाह से मुलाकात के बाद बोलीं ममता बनर्जी, पश्चिम बंगाल में NRC की जरूरत नहीं

अमित शाह से मुलाकात के बाद बोलीं ममता बनर्जी, पश्चिम बंगाल में NRC की जरूरत नहीं

Sep 19, 2019
04:40 pm

क्या है खबर?

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह से मिलीं और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) का मुद्दा उठाया। ममता ने बैठक में साफ किया कि उनके राज्य में NRC की कोई जरूरत नहीं है। ममता ने असम NRC से 19 लाख लोगों को बाहर किए जाने के मुद्दे पर भी चिंता जाहिर की और कहा कि कई असली वोटर्स के नाम भी सूची में शामिल नहीं हैं।

मुलाकात

अमित शाह के गृह मंत्री बनने के बाद पहली मुलाकात

मोदी सरकार के सत्ता में वापसी के बाद अमित शाह और ममता बनर्जी के बीच ये पहली मुलाकात थी। दोनों को एक-दूसरे का कट्टर प्रतिद्वंदी माना जाता है। बैठक करीब आधा घंटे चली और इसमें मुख्यतौर पर NRC पर चर्चा हुई। बैठक के बाद ममता ने कहा कि विदेशी देशों, बाग्लादेश, भूटान और नेपाल, के साथ सीमा साझा करने वाले प्रदेश की मुख्यमंत्री होने के नाते गृह मंत्री से मिलना एक संवैधानिक कर्तव्य था।

असम NRC

ममता बोलीं, NRC में कई असली वोटर्स के नाम शामिल नहीं

बैठक के बाद ममता ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा, "मैंने गृह मंत्री को एक पत्र दिया दिया है और बताया है कि NRC (असम) में जिन लोगों को बाहर किया गया है, उनमें कई हिंदी, बंगाली और स्थानीय असमी बोलने वाले लोग हैं। कई असली वोटर्स के नाम भी इसमें शामिल नहीं हैं। इस पर गौर किया जाना चाहिए। NRC की वजह से किसी भी भारतीय को समस्या नहीं होना चाहिए।"

पश्चिम बंगाल NRC

बैठक में नहीं उठा पश्चिम बंगाल में NRC का मुद्दा

ममता ने कहा कि बैठक में शाह ने पश्चिम बंगाल में NRC पर कुछ नहीं कहा और उन्हें पश्चिम बंगाल में NRC नहीं चाहिए। उन्होंने कहा, "NRC पर मेरा और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक ही मत है। हमें अपने राज्यों में NRC नहीं चाहिए।" बता दें कि असम की तरह पश्चिम बंगाल में भी अवैध रूप से दाखिल हुए विदेशियों का मुद्दा एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा है।

जानकारी

कल प्रधानमंत्री मोदी से मिलीं थीं ममता

इससे पहले ममता कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलीं थीं। लेकिन इस बैठक में NRC का मुद्दा नहीं उठा। बैठक के बाद उन्होंने कहा था कि ये सरकारी स्तर की बातचीत थी और इसमें केवल विकास के मुद्दे पर बातचीत हुई।

बयान

पूरे देश में NRC लागू करने की बात कह चुके हैं अमित शाह

बता दें कि कल ही रांची में एक कार्यक्रम में अमित शाह ने पूरे देश में NRC लागू किए जाने की बात कही थी। उन्होंने कहा था, "हम NRC को पूरे देश में लागू करेंगे। क्या एक भारतीय अमेरिका, ब्रिटेन या रूस में गैरकानूनी तरीके से रह सकता है? नहीं, तो दूसरे देशों के नागरिक बिना कानूनी दस्तावेजों के भारत में कैसे रह सकते हैं? इसलिए मेरा मानना है कि NRC को पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए।"

नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस

क्या है NRC?

नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस में देश के नागरिकों का ब्यौरा होता है और इसके जरिए अवैध रूप से देश में रह रहे लोगों की पहचान की जाती है। अभी केवल असम में NRC लागू है। असम में NRC को पहली बार 1951 में लागू किया गया था। अब इसे अपडेट करके दोबारा लागू किया गया है। इसमें 25 मार्च, 1971 से पहले असम में रह रहे लोगों को भारतीय नागरिक माना गया है।

सवाल

असम में NRC की प्रक्रिया पर उठ रहे सवाल

इस बीच असम NRC की सूची और प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। इससे 19 लाख लोगों को बाहर रखा गया है और उन पर देश से बाहर किए जाने का खतरा मंडरा रहा है। इनमें दशकों से असम में रह रहे और सेना में शामिल रहे लोग भी शामिल हैं। वहीं कई बाहरी लोगों का नाम सूची में शामिल हो गया है। खुद राज्य के भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने NRC की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं।