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बांका में शिक्षा व्यवस्था की सूरत बदलने वाले अधिकारी को बनाया गया रक्षामंत्री का निजी सचिव

बांका में शिक्षा व्यवस्था की सूरत बदलने वाले अधिकारी को बनाया गया रक्षामंत्री का निजी सचिव

Jun 14, 2019
07:21 pm

क्या है खबर?

गृह मंत्रालय की कमान संभालने के बाद राजनाथ सिंह को नई सरकार में रक्षा मंत्रालय का प्रभार दिया गया है। उन्होंने निर्मला सीतारमण की जगह ली हैं, जिन्हें इस बार वित्त मंत्री बनाया गया है। सरकार ने बिहार कैडर के IAS अधिकारी कुंदन कुमार को उनका निजी सचिव (PS) नियुक्त किया है। जाहिर है अगले पांच सालों में राजनाथ सिंह सरकार से जुड़े जो भी काम करेंगे, उनमें कुंदन की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। आइये, उनके बारे में जानते हैं।

बांका

बांका में बदल दी शिक्षा व्यवस्था

कुंदन 2004 बैच के बिहार कैडर के IAS अधिकारी हैं। रक्षा मंत्री के निजी सचिव के तौर पर उनकी नियुक्ति 3 फरवरी, 2020 तक के लिए की गई है। फिलहाल कुंदन बिहार के बांका जिले में बतौर जिलाधाकारी तैनात हैं। नक्सल प्रभावित इस इलाके में शिक्षा व्यवस्था की हालत काफी लचर थी। आंकड़ों के मुताबिक, जिले के केवल 58.17 प्रतिशत लोग साक्षर हैं। अपना कार्यभार संभालने के बाद से कुमार ने शिक्षा को अपनी प्राथमिकता बनाया और स्थिति बदल दी।

बांका उन्नयन

कुंदन ने की 'बांका उन्नयन' की शुुरुआत

जिले के हर बच्चे तक शिक्षा की पहुंच करने के लिए कुंदन ने 'बांका उन्नयन' अभियान की शुरुआत की। इसके लिए उन्होंने छपरा निवासी और IIT के छात्र रह चुके रितेश सिंह के स्टार्ट-अप इकोवेशन के साथ हाथ मिलाया। इस कार्यक्रम के तहत छात्रों को विषय की समझ कराने के लिए एनिमेशन और इंटरएक्टिव वीडियो लेक्चर का सहारा लिया जाता है। रितेश ने बताया कि इस कार्यक्रम में बच्चों की टेक्नोलॉजी की मदद से बेहतर शिक्षा दी जाती है।

अभियान

इस अभियान में काम कैसे होता है?

इस कार्यक्रम के तहत सोमवार से शनिवार तक जिले के 143 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों की दसवीं क्लास के बच्चों को गणित, विज्ञान आदि विषयों से जुड़े विडियो दिखाए जाते हैं। यह प्रक्रिया 90-120 मिनट तक चलती है। इसके बाद में आखिर में बुलेट प्वाइंट्स के माध्यम से रिवीजन करवाया जाता है। इसके बाद एक टेस्ट में छात्रों को वीडियो से जुड़े पांच सवाल पूछे जाते हैं। टेस्ट के बाद छात्र एक-दूसरे की उत्तर-पुस्तिकाएं खुद जांचते हैं।

अभियान

नालंदा से हुई थी अभियान की शुरुआत

टेस्ट के नतीजे इकोवेशन की वेबसाइट पर अपलोड किए जाते हैं। हर सोमवार को अध्यापक एक टेस्ट लेते हैं। इसमें देखा जाता है कि छात्र ने वीडियो से कितना कुछ सीखा है। अगर छात्र के मन में कोई डाउट रहता है तो वह इकोवेशन के प्लेटफॉर्म पर उस विषय के विशेषज्ञों से अपने सवाल पूछ सकता है। कुंदन ने नालंदा से इस अभियान की शुरुआत की थी। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम से वंचित बच्चों की जिंदगी बदल गई है।

सम्मान

कुंदन को मिल चुके हैं अंतरराष्ट्रीय सम्मान

इस कार्यक्रम के बारे में कुंदन ने बताया, "जब मेरा ट्रांसफर बांका में हुआ तो मैंने सोचा कि उन्नयन के कॉन्सेप्ट को जांचने के लिए यह जिला सबसे ठीक रहेगा। छात्र, अभिभावक, विशेषज्ञ, हर कोई इस ऐप को डाउनलोड कर एक-दूसरे को सीखा सकते हैं।" सरकार देशभर के 5,000 स्कूलों में इसे लागू करने की तैयारी कर रही है। अपने काम के चलते कुंदन को कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं।