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पिछले एक महीने में जहरीली शराब के कारण देशभर में गई 250 से अधिक जानें

पिछले एक महीने में जहरीली शराब के कारण देशभर में गई 250 से अधिक जानें

Feb 25, 2019
05:06 pm

क्या है खबर?

असम में जहरीली शराब पीने से 134 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 300 से ज्यादा लोग बीमार हैं। इस घटना की शुरुआत गोलाघाट जिले के हलमीरा चाय उद्यान से हुई थी। अगले कुछ दिनों में आसपास के इलाकों से ऐसी घटनाएं सामने आने लगी। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। माना जा रहा है कि शराब तैयार करने के लिए इसमें मेथेनॉल मिलाया गया था, जिस वजह से लोगों की जानें गई।

जानकारी

पहले भी हुई हैं ऐसी घटनाएं

यह पहली बार नहीं था जब जहरीली शराब ने इतने लोगों की जानें ली हैं। इससे पहले देश के अलग-अलग हिस्सों से ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। आइये डालते हैं ऐसी ही घटनाओं पर एक नजर।

2009

गुजरात में गई थी 136 लोगों की जान

साल 2009 में अहमदाबाद में जहरीली शराब 136 लोगों की मौत का कारण बनी थी। यह घटना इतनी बड़ी थी कि बीमार लोगों के इलाज के लिए राज्य के दूसरे जिलों से डॉक्टरों को अहमबाद भेजा गया था। इस घटना के बाद लोगों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का इस्तीफा मांगा था। पुलिस ने इस घटना के बाद राज्यभर में 8,000 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की और लगभग 6,000 लोगों को हिरासत में लिया था।

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2011

पश्चिम बंगाल में 172 लोगों की मौत

पश्चिम बंगाल के संग्रामपुर में 2011 में जहरीली शराब ने 172 लोगों की जान ले ली थी। जांच में सामने आया कि शराब में मेथेनॉल मिली हुई थी, जिस वजह से लोगों की जानें गईं। इस घटना के बाद लोगों में जबरदस्त गुस्सा देखा गया था और उन्होंने शराब बनाने वाली कई यूनिट्स में तोड़फोड़ की। राज्य सरकार ने मृतकों को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा दिया था। इस मामले में चार लोगों को उम्रकैद की सजा हुई थी।

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2015

मुंबई में जहरीली शराब का शिकार हुए थे 102 लोग

जून, 2015 में मुंबई की मालवानी की झुग्गियों में शराब पीने से 102 लोग मौत के मुंह में समा गए थे। इसकी जांच में पता चला कि मृतकों ने शराब के नाम पर पानी में घोली गई मेथेनॉल पी ली थी। इस मामले में मुंबई पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। लापरवाही बरतने के आरोप में कई सरकारी अधिकारियों को भी सस्पेंड किया गया था। सरकार ने मृतकों के परिजनों को 1-1 लाख रुपये का मुआवजा दिया था।

2016

बिहार में हुई थी 13 लोगों की मौत

बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद भी साल 2016 में गोपालगंज में जहरीली शराब ने 13 लोगों की जान ले ली थी। यहां भी जांच के दौरान सामने आया कि शराब में भारी मात्रा में मेथेनॉल मिली हुई थी। राज्य में शराबबंदी लागू होने के बावजूद ऐसी घटना सामने आने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भारी विरोध का सामना करना पड़ा था। इस मामले में छह लोग गिरफ्तार किए गए थे।

जानकारी

इसी महीने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में गईं 100 से अधिक जानें

इसी महीने की शुरुआत में ऐसी ही एक घटना उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में सामने आई थी। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में यह घटना घटी। इस मामले में दो लोग गिरफ्तार और चार अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है।

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