मध्य प्रदेश: स्कूल के छात्रों को सावरकर की तस्वीर वाली नोटबुक बांटने के लिए प्रधानाचार्य निलंबित
मध्य प्रदेश में विनायक दामोदर सावरकर की तस्वीर वाली नोटबुक छात्रों को बांटने के लिए एक स्कूल के प्रधानाचार्य को निलंबित कर दिया गया है। एक संस्था ने दो महीने पहले ये नोटबुक छात्रों को बांटी थीं और अब जांच के बाद स्कूल के प्रधानाचार्य को निलंबित कर दिया गया है। मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया है।
'वीर सावरकर मंच' ने बांटी थीं नोटबुक
मामला रतलाम जिले के मलवासा स्थित सरकारी हाई स्कूल का है। जिला शिक्षा अधिकारी केसी शर्मा के अनुसार, पिछले साल 4 नवंबर को 'वीर सावरकर मंच' नामक संस्था ने स्कूल के छात्रों को मुफ्त में नोटबुक बांटी थीं। स्कूल के 83 छात्रों को दो-दो नोटबुक बांटी गईं थीं। इन नोटबुक के ऊपर वीर सावरकर की तस्वीर लगी हुई थी। मामले की शिकायत मिलने पर स्कूल के प्रधानाचार्य आरएन केरावत को नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा गया था।
राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार से सम्मानित हैं केरावत
अब केरावत को निलंबित कर दिया गया है। मंगलवार को केरावत को निलंबित किए जाने की जानकारी देते हुए केसी शर्मा ने बताया, "केरावत के जवाब के आधार पर डिविजनल कमिश्नर को एक जांच रिपोर्ट सौंपी गई जिन्होंने अब केरावत के खिलाफ कार्रवाई की है।" केरावत ने अपने जवाब में छात्र हित में नोटबुक बांटने की बात कही थी। बता दें कि शिक्षण में नए प्रयोग करने के लिए उन्हें 2010 में राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार मिल चुका है।
किस आधार पर किया गया निलंबित, ये स्पष्ट नहीं
केरावत को किस आधार पर निलंबित किया गया है, इस सवाल के जवाब में केसी शर्मा ने कहा, "किस आधार पर निलंबन किया गया यह मुझे पता नहीं, लेकिन ये कार्यक्रम बिना अनुमति के आयोजित किया गया था।''
शिवराज ने बताया ओछी राजनीति
इस बीच केरावत के निलंबन पर राजनीति भी तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, 'राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित और शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम देने वाले प्राचार्य को निलंबित करने का समाचार सुनकर मन विचलित है। यह बेहद दुखद और निंदनीय भी है। इस ओछी राजनीति की मैं कड़ी निंदा करता हूं और तत्काल प्राचार्य को बहाल करने की मांग करता हूं।"
शिवराज ने कमलनाथ पर भी साधा निशाना
कांग्रेस का पलटवार, पूछा- सावरकर ने देशहित में क्या किया?
वहीं शिवराज पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने इसे अनुशासन का मामला बताया। पार्टी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा, "प्रधानाचार्च को निलंबित करने का मामला नियम और अनुशासन का मामला है। इसमें राजनीति वाली बात कुछ नहीं है। बच्चों को वीर सावरकर के फोटो लगे रजिस्टर बगैर अनुमति बांटना कहां तक उचित है? स्कूल शिक्षा के मंदिर होते हैं। आखिर वीर सावरकर ने देशहित में ऐसा किया क्या है, जो उनकी जीवनी और साहित्य स्कूलों में बांटा जाए?"
स्वतंत्रता संग्राम की सबसे विवादित शख्सियतों में शामिल हैं सावरकर
सावरकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की सबसे विवादित शख्सियतों में से एक हैं। उन्हें हिंदुत्व की विचारधारा का जनक माना जाता है और कांग्रेस लगातार उनका विरोध करती रही है। वहीं हिदुत्व की विचारधारा पर चलने वाली भाजपा के लिए सावरकर वैचारिक गुरू की तरह हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम बड़े नेता उनके प्रशंसक हैं। कांग्रेस के साथ महाराष्ट्र सरकार में शामिल शिवसेना भी सावरकर को बहुत मानती हैं और उन्हें भारत रत्न देने की मांग कर चुकी है।