Page Loader
अगर शिवसेना हमारे साथ हाथ मिलाना चाहती है तो हम तैयार -भाजपा
अगर शिवसेना हमारे साथ हाथ मिलाना चाहती है तो हम तैयार -भाजपा (तस्वीर- रॉयटर्स)

अगर शिवसेना हमारे साथ हाथ मिलाना चाहती है तो हम तैयार -भाजपा

लेखन गौतम भगत
Jun 23, 2022
05:56 pm

क्या है खबर?

महाराष्ट्र में पिछले दो दिनों से सियासी घमासान चल रहा है और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के हाथ से मुख्यमंत्री की कुर्सी जाने का खतरा बढ़ गया है। शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद ये स्थिति पैदा हुआ है। इस बीच भाजपा नेताओं ने कहा है कि उन्हें विश्वास है कि शिंदे गुट को 'असली शिवसेना' के रूप में मान्यता मिलेगी। उन्होंने कहा कि अगर शिवसेना उससे हाथ मिलाना चाहती है तो वो तैयार हैं।

बयान

राजनीतिक घटनाक्रम से भाजपा का कुछ लेना-देना नहीं- भाजपा नेता

डेक्कन हेराल्ड के अनुसार, भाजपा नेताओं ने उससे कहा कि महाराष्ट्र में हुए पिछले 24 घंटों के राजनीतिक घटनाक्रम से भाजपा का कुछ लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर शिवसेना भाजपा से हाथ मिलाना चाहती है तो भाजपा शिवसेना का स्वागत करेगी। राज्य सह-प्रभारी और भाजपा नेता ओमप्रकाश धुर्वे ने बताया कि वे महाराष्ट्र में हो रही राजनीतिक उठा-पटक को देख कर आश्चर्यचकित नहीं हैं।

बयान

शिवसेना हमारी पुरानी दोस्त- भाजपा

ओमप्रकाश धुर्वे ने कहा कि शिवसेना भाजपा की पुरानी दोस्त रही है, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के लालच में उसने उन लोगों के साथ गठबंधन कर लिया जिनके साथ वे वैचारिक रूप से मेल नहीं रखते। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार बनाने के लिए शिवसेना को समर्थन देती है। धुर्वे ने कहा, "अगर सरकार बनती है तो हम निश्चित रूप से समर्थन करेंगे। अगर वे वापस आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है।

भाजपा पर आरोप

"शिवसेना नेता खुद जा रहे, भाजपा की कोई भूमिका नहीं"

पूरे घटनाक्रम में भाजपा का हाथ होने के आरोपों को खारिज करते हुए धुर्वे ने कहा कि भाजपा की इस घटनाक्रम मे कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि शिवसेना के नेता जो भी कर रहे हैं, जहां भी जा रहे हैं, अपने दम पर कर रहे हैं। बता दें कि शिवसेना के बागी विधायक पहले गुजरात और अब असम में रुके हुए हैं। इन दोनों जगह भाजपा की सरकार है। इसी कारण भाजपा पर आरोप लग रहे हैं।

बयान

महा विकास अघाड़ी सरकार का खेल खत्म- भाजपा प्रवक्ता

वहीं भाजपा प्रवक्ता सुरेश नखुआ ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि विधायकों की संख्या का प्रबंधन किया जाएगा। उन्होंने कहा महा विकास अघाड़ी सरकार का खेल अब ज्यादा नहीं चलने वाला है और जल्द ही खत्म हो जाएगा। अभी तक इस पूरे घटनाक्रम में भाजपा की भागीदारी बहस का विषय बनी हुई है, लेकिन भाजपा कुछ भी करने की जल्दबाजी में नहीं दिख रही है।

दल-बदल कानून

दल-बदल कानून के तहत ठाकरे खेमे को पार्टी से बाहर कर सकते है शिंदे

राज्य के एक सांसद ने कहा कि भाजपा के लिए सबसे अच्छा दांव यह है कि एकनाथ शिंदे विधायकों की संख्या में वृद्धि करें तो वह दल-बदल कानून के तहत ठाकरे के खेमे को अमान्य घोषित कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए शिंदे को 37 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होगी। फिलहाल वो इतने विधायकों का समर्थन जुटाते हुए नजर आ रहे हैं और इसी कारण सरकार का गिरना लगभग तय माना जा रहा है।