
महाराष्ट्र में बारिश का कहर: अब तक हुई 164 लोगों की मौत, 100 से अधिक लापता
क्या है खबर?
महाराष्ट्र में जारी बारिश के बाद बाढ़ और भूस्खलन ने भयंकर तबाही मचा रखी है।
राज्य में बाढ़, भूस्खलन सहित अन्य वर्षा जनित हादसों में अब तक 164 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। इसके अलावा इन घटनाओं में 50 से अधिक लोग घायल भी हो चुके हैं।
प्रभावित इलाकों में NDRF की टीमे बचाव अभियान में जुटी है। अब तक 2.29 लाख लोगों को सुरक्षित बचाया जा चुका है।
पृष्ठभूमि
भारी बारिश से खासा प्रभावित हुआ है कोंकण क्षेत्र
महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में भारी बारिश का दौर जारी है। सबसे ज्यादा हालात सतारा, रायगढ़, रत्नागिरी, कोल्हापुर, ठाणे और सिंधुदुर्ग जिलों में खराब है।
रायगढ़ में शुक्रवार को हुए अलग-अलग भूस्खलन और बाढ़ से अब तक 60 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
इसी तरह इन जिलों के करीब 1,028 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। रत्नागिरी के चिपलुन स्थित एक निजी अस्पताल में पानी घुसने आठ कोरोना मरीजों की भी मौत हो चुकी है।
मौत
रायगढ़ जिले में हुई सबसे अधिक मौतें
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, NDRF के सहायक कमांडेंट विक्रम कुमार ने बताया कि राज्य में आई बाढ़ के कारण 1,028 गांव प्रभावित हुए हैं और अब तक कुल 2.30 लाख लोगों की बचाया जा चुका है। इसी तरह 3,248 जानवरों को भी बचाया गया है।
उन्होंने बताया कि रायगढ़ में सबसे अधिक 71, सतारा में 41, रत्नागिरी में 21, कोल्हापुर में सात, ठाणे में 12, सिंधुदुर्ग और पुणे में दो-दो तथा उपनगरीय मुंबई में चार लोगों की मौत हुई है।
लापता
रायगढ़ से लापता हैं सबसे अधिक 53 लोग
NDRF के सहायक कमांडेंट ने बताया कि रायगढ़ जिले में तीन भूस्खलन स्थानों से अभी भी 53 लोग लापता और अब उनके मिलने की संभावना भी बहुत कम है।
इसी तरह रत्नागिरी में 14, ठाणे में चार और कोल्हापुर और सिंधुदुर्ग में एक-एक लोग लापता हैं। राज्य में पांच से अधिक भूस्खलन स्थलों पर 27 अन्य की भी तलाश की जा रही है।
अधिकारियों को डर है कि शायद लापता लोग बाढ़ की तेज बहाव में बह चुके हैं।
जानकारी
NDRF ने भूस्खन क्षेत्रों में बंद किया तलाशी अभियान
NDRF अधिकारियों ने बताया कि रविवार देर रात रायगढ़ के तलिये और सतारा के अंबेघर सहित अन्य भूस्खलन वाली जगहों पर बचाव अभियान बंद कर दिया गया है। इसका कारण है कि वहां अब लोगों के मिलने की संभावना न के बराबर बची है।
दौरा
खराब मौसम के कारण रद्द हुआ मुख्यमंत्री ठाकरे का सतारा का दौरा
इधर, सतारा में खराब मौसम के कारण मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का प्रस्तावित दौरा निरस्त कर दिया गया है।
सुबह मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया था कि मुख्यमंत्री सतारा जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने जाएंगे, लेकिन दृश्यता कम होने के कारण उनका हेलीकॉप्टर कोयना हेलीपैड पर नहीं उतर सका।
ऐसे में उन्हें पुणे हवाई अड्डे पर वापस लौटना पड़ा। मुख्यमंत्री अब मौसम साफ होने के बाद क्षेत्रों का दौरा करेंगे।
राहत कार्य
राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं 34 कंपनियां
NDRF अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और बचाव कार्य के लिए अभी भी 34 टीमें काम में जुटी है। इनमें रत्नागिरी में छह, सतारा और पुणे में चार-चार, कोल्हापुर में आठ और अन्य जिलों में 12 टीमें तैनात हैं।
KDRF अधिकारी शुभांगी मधुकर घरारे ने कहा, "यह अच्छा है कि हम बाढ़ से लोगों को बचाने और स्थानांतरित करने में सक्षम हैं, खासकर लड़कियों और महिलाओं को। हमने बीमार पुरुषों और गर्भवती महिलाओं को बचाया है।"
स्वीकृति
सरकार ने राहत कार्यों के लिए घोषित किया बजट
बता दें कि मुख्यमंत्री ठाकरे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने राहत कार्यों के लिए रायगढ़ और रत्नागिरी के लिए दो-दो करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं।
इसी तरह अन्य प्रभावित क्षेत्रों के लिए 50 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं, लेकिन यह बजट बहुत कम है।
इसी तरह केंद्र सरकार ने भी पप्रभावितों को आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। जहां जल स्तर कम होना शुरू हो गया है वहां पर सफाई अभियान शुरू करा दिया गया है।