मध्य प्रदेश चुनाव: शिवराज सिंह चौहान से नरोत्तम मिश्रा तक, क्या रहा बड़े चेहरों का हाल?
मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के नतीजों में भाजपा ने दो-तिहाई बहुमत के साथ प्रचंड जीत दर्ज की है। भाजपा को चुनाव में करीब 49 प्रतिशत वोट मिले हैं। चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला था और कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा है। पार्टियों से अलग चुनाव में बड़े चेहरों की क्या स्थिति रही और कौन हारा, कौन जीता, आइए जानते हैं।
मध्य प्रदेश की बुधनी से शिवराज जीते
बुधनी सीट से मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की है। उन्हें 1,64,951 वोट मिले। उन्होंने कांग्रेस के विक्रम मस्ताल शर्मा को मात दी। शिवराज ने 1990, 2006 , 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनावों में भी इस सीट से जीत दर्ज की थी। 2018 में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री सुभाष यादव के बेटे और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव को 58,000 से अधिक वोटों से हराया था।
छिंदवाड़ा से कमलनाथ जीते
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ छिंदवाड़ा सीट से 36,594 वोटों से जीते हैं। उन्हें 1,32,302 वोट मिले और उन्होंने भाजपा के विवेक बंटी साहू को हराया। कमलनाथ ने 2019 में छिंदवाड़ा उपचुनाव में 25,000 से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी। 2018 चुनाव के बाद कांग्रेस के ही दीपक सक्सेना ने ये सीट उनके लिए खाली की थी। इस सीट से कमलनाथ 9 बार जीत दर्ज कर चुके हैं और इसे उनका गढ़ माना जाता है।
दतिया से नरोत्तम मिश्रा हारे, दिमनी से नरेंद्र सिंह तोमर जीते
दतिया सीट से गृह मंत्री और भाजपा उम्मीदवार नरोत्तम मिश्रा हार गए हैं। इस सीट से कांग्रेस के राजेंद्र भारती ने 7,000 से अधिक मतों से जीत दर्ज की। बता दें कि दतिया पर भाजपा का 2003 से ही कब्जा था। मुरैना क्षेत्र की दिमनी सीट से भाजपा के केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर 24,461 वोटों से जीते हैं। दूसरे नंबर पर बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार बलवीर सिंह दंडोतिया रहे। कांग्रेस उम्मीदवार रवीन्द्र सिंह तोमर तीसरे नंबर पर रहे।
नरसिंहपुर सीट से प्रह्लाद सिंह पटेल जीते
नरसिंहपुर से भाजपा उम्मीदवार और केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल 31,310 अंतर से जीत गए हैं। यह उनका गृहनगर भी है और वो पहली बार इस सीट से चुनावी मैदान में थे। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार लाखन सिंह पटेल को मात दी। 2018 विधानसभा चुनाव में उनके भाई जालम सिंह पटेल ने इस सीट पर 37,000 से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी। ये सीट पहले कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी, लेकिन धीरे-धीरे भाजपा का गढ़ बन गई।
इंदौर-1 से विजयवर्गीय जीते, ग्वालियर और राघोगढ़ में कौन जीता?
भाजपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इंदौर-1 सीट से लगभग 58,000 वोटों के अंतर से जीते हैं, जबकि कांग्रेस के मौजूदा विधायक संजय शुक्ला हार गए हैं । ग्वालियर सीट से कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए राज्य ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर 19,140 मतों से जीते और कांग्रेस उम्मीदवार सुनील शर्मा हार गए। राघोगढ़ सीट पर कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे जयवर्धन सिंह 4,505 वोटों से जीते। उन्होंने भाजपा नेता हिरेंद्र सिंह बंटी बन्ना को हराया।
लहार सीट से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह हारे
नेता प्रतिपक्ष और राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह लहार सीट से हार गए हैं। भाजपा नेता अंबरीश शर्मा "गुड्डू" ने उन्हें 12,397 वोटों से हराया। सिंह इस सीट पर 1990 से विधायक थे। उन्होंने 2018 में 9,000 वोटों के अंतर से यहां जीत दर्ज की थी। राऊ सीट से कांग्रेस के जीतू पटवारी भी हार गए हैं, जबकि भाजपा के मधू वर्मा जीत गए हैं।
क्या रहा मध्य प्रदेश चुनाव का परिणाम?
मध्य प्रदेश में भाजपा ने दो-तिहाई बहुमत के साथ प्रचंड जीत दर्ज की है। पार्टी ने राज्य की 230 सीटों में से 164 सीटों पर जीत दर्ज की है। दूसरी तरफ कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत निराशाजनक रहा है और वो मात्र 65 सीटें जीत पाई है। शिवराज सिंह चौहान के 18 साल के राज के बावजूद इस प्रचंड जीत से भाजपा उत्साहित है। दूसरी ओर, नतीजों से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है।