
दलाई लामा को भारत रत्न देने की मांग, सर्वदलीय सांसदों ने लिखा केंद्र को पत्र
क्या है खबर?
तिब्बत के मुद्दे पर समर्थन जताते हुए देश के सभी राजनीतिक पार्टियों के सांसदों ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है और दलाई लामा को भारत रत्न देने की मांग की है। सांसदों ने तिब्बती बौद्ध आध्यात्मिक प्रमुख और 14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो को संसद में संयुक्त सत्र को संबोधित करने के लिए भी अनुमति देने का आग्रह किया है। यह पत्र ऑल पार्टी इंडियन पार्लियामेंट्री फोरम ऑन तिब्बत ने लिखा है।
पत्र
बैठक में प्रस्ताव किया है पारित
संसदीय फोरमने इस महीने अपनी दूसरी बैठक के दौरान इसके लिए एक प्रस्ताव पारित किया और सरकार को एक अनुरोध भेजा। फोरम में भाजपा, बीजू जनता दल (BJD) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) समेत कई पार्टियों के सांसद शामिल हैं। फोरम के वर्तमान संयोजक भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब हैं। हालांकि, राज्यसभा सांसद और पूर्व संयोजक सुजीत कुमार मांग में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। सांसदों ने दलाई लामा को भारत रत्न देने के लिए हस्ताक्षर अभियान भी चलाया है।
बयान
अभी तक 80 सांसदों का मिला समर्थन
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, सुजीत कुमार ने बताया कि दलाई लामा को भारत रत्न देने के लिए हस्ताक्षर अभियान में अभी 80 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं और अभियान का समर्थन करते हुए कुछ ने वीडियो संदेश भी भेजे हैं। उन्होंने बताया, "हम लोकसभा और राज्यसभा के अध्यक्ष को एक संयुक्त बैठक बुलाने के लिए लिखेंगे, जिसे परम पावन संबोधित करेंगे।" उन्होंने बताया कि 100 सांसदों के हस्ताक्षर पूरे होने पर इसे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को सौंपा जाएगा।
मुलाकात
फोरम के सांसदों ने उत्तराधिकारी मामले में चीन का विरोध किया
दिसंबर 2021 में फोरम को सुजीत कुमार के नेतृत्व में स्थापित किया गया था। तब सुजीत BJD में थे, अब वे भाजपा में हैं। फोरम के सांसद कई बार तिब्बती सरकार के प्रतिनिधियों से मिल चुके हैं। फोरम का कहना है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी को चुनने में चीन की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि 14वें दलाई लामा के उत्तराधिकारी के विषय में निर्णय लेने का अधिकार केवल तिब्बत के लोगों को है।