उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का 89 साल की उम्र में निधन
भाजपा के दिग्गज नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का शनिवार को लखनऊ के संजय गांधी स्नात्कोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) अस्पताल में निधन हो गया। वह 89 साल के थे। वह पिछले एक महीने से सांस की तकलीफ से जूझ रहे थे। इसके चलते उन्हें अस्पताल में लाइफ सपोर्ट पर रखा गया था। पिछले कई दिनों से उनकी हालत बिगड़ती जा रही थी। सिंह के निधन से भाजपा और राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर है।
कल्याण सिंह को 4 जुलाई को कराया गया था SGPGI में भर्ती
बता दें कि कल्याण सिंह की सेहत को देखते हुए सबसे पहले उन्हें लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद 4 जुलाई को उन्हें SGPGI के ICU वार्ड में शिफ्ट किया गया था। पिछले कई दिनों से उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी और वह लाइफ सपोर्ट पर थे। इसके बाद शनिवार रात को उन्होंने अंतिम सांस ली। चिकित्सकों ने बताया कि सिंह का निधन सेपसिस और मल्टी ऑर्गन फेलियर के चलते हुई है।
कल्याण सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख
कल्याण सिंह के निधन की खबर सुनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गहरा दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'मेरे पास दुख जाहिर करने के लिए शब्द नहीं हैं। कल्याण सिंह जी एक बेहतर राजनेता, अनुभवी प्रशासक, जमीनी स्तर के नेता और महान इंसान थे। उत्तर प्रदेश के विकास में उनका अमिट योगदान रहा है। उनके पुत्र श्री राजवीर सिंह से बात की और संवेदना व्यक्त की। ओम शांति।'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषित किया तीन दिन का राजकीय शोक
इधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सिंह के निधन पर भावुक नजर आए। उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह राम मंदिर आंदोलन के बड़े नेता थे। उनका जाना न सिर्फ समाज का बल्कि भाजपा परिवार के लिए भी अपूरणीय क्षति है। इस दौरान उन्होंने राज्य में तीन दिनों के राजकीय शोक की भी घोषणा की। इसी तरह बसपा प्रमुख मायावती ने भी उनके निधन पर शोक प्रकट करते परिवार और समर्थकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।
अन्य नेताओं ने भी जताया कल्याण सिंह के निधन पर शोक
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिखा कि कल्याण सिंह भारतीय राजनीति की क़द्दावर हस्ती थे। उन्होंने अपने व्यक्तित्व एवं कृतित्व से देश और समाज पर एक अमिट छाप छोड़ी। उनका लम्बा राजनीतिक जीवन जनता-जनार्दन की सेवा में समर्पित रहा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लिखा, 'सिंह के निधन का समाचार सुनकर अत्यंत व्यथित हूं। जनसंघ और भाजपा को उत्तर प्रदेश में खड़ा करने में कल्याण सिंह जी का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनको मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि।'
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी जताया दुख
सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लिखा, 'उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यपाल कल्याण सिंह जी का निधन हृदय विदारक! दिवंगत आत्मा को शांति एवं शोक संतप्त परिवार को दुख सहने की शक्ति दे भगवान। विनम्र श्रद्धांजलि!'
ऐसा रहा कल्याण सिंह का राजनीतिक करियर
कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी, 1932 को उत्तर प्रदेश के अतरौली में हुआ था। उन्होंने BA और LLB की पढ़ाई की थी। वह जून 1991 से दिसंबर 1992 और सितंबर 1997 से नवंबर 1999 तक दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। इसके अलावा केंद्र सरकार ने उन्हें राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल की जिम्मेदारी भी सौंपी थीं। राज्यपाल का कार्यकाल समाप्त करने के बाद उन्होंने लखनऊ में फिर से भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
बाबरी विध्वंस के समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे कल्याण सिंह
साल 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के समय कल्याण सिंह ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। बाबरी विध्वंस के बाद कल्याण सिंह ने इस्तीफा दे दिया था, लेकिन 1997 में एक बार फिर वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में उन्हें भी घसीटा गया, लेकिन 1998 में उनकी सरकार ने बाबरी मस्जिद विध्वंस में शामिल लोगों के खिलाफ सभी आरोप वापस ले लिए थे।
जब एक रात के लिए मुख्यमंत्री पद से हटाए गए कल्याण सिंह
दूसरी बार मुख्यमंत्री बने कल्याण सिंह को 21 फरवरी, 1998 की रात को मुख्यमंत्री पद खोना पड़ा था। दरअसल, उनकी ही सरकार के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर जगदंबिका पाल ने विपक्षियों के साथ साठ-गांठ कर रात 10:30 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी। इसको लेकर सभी लोग देर रात में ही हाई कोर्ट पहुंच गए थे। कोर्ट ने अगले दिन राज्यपाल के आदेश पर रोक लगा दी और कल्याण सरकार को बहाल कर दिया गया।