सपा सांसद की मुस्लिम युवकों को सलाह, बोले- हिंदू लड़कियों को बहन मानें
क्या है खबर?
धर्म परिवर्तन पर उत्तर प्रदेश सरकार के अध्यादेश पर प्रतिक्रिया देते हुए मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद एटी हसन ने मुस्लिम युवकों को सभी हिंदू लड़कियों को अपनी बहन मानने की सलाह दी है।
उन्होंने कहा कि इस कानून के जरिए मुस्लिम युवकों को टॉर्चर किया जा सकता है और अगर उन्हें टॉर्चर से बचना है तो इन सब मामलों से दूर रहना होगा। अपने बयान में उन्होंने 'लव जिहाद' को महज एक राजनीतिक स्टंट भी बताया।
बयान
हसन बोले- हमारे देश में हजारों साल से जीवनसाथी चुनने की आजादी
समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए हसन ने कहा, "लव जिहाद सिर्फ एक पॉलिटिकल स्टंट है। हमारे देश में हजारों साल से बच्चे जब बालिग हो जाते हैं तो अपना जीवनसाथी खुद चुन लेते हैं। हिंदू मुसलमान से शादी करते हैं, मुसलमान हिंदू से शादी करते हैं। हालांकि बहुत कम तादाद में ऐसा होता है।"
उन्होंने कहा कि समाज का दबाव पड़ने पर अक्सर युवतियां कह देती हैं कि उन्हें तो मालूम ही नहीं था कि लड़ता मुस्लिम है।
सलाह
मुस्लिम युवकों को सलाह- किसी के बहकावे में न आएं
मुस्लिम युवकों को सलाह देते हुए हसन ने कहा, "हिंदू लड़कियों को अपनी बहन की तरह समझें। किसी के बहकावे में न आएं, किसी के चक्कर में न पड़ें क्योंकि ये एक ऐसा कानून बना दिया गया है जिससे कि उन्हें बहुत जबरदस्त तरीके से टॉर्चर किया जा सकता है। अपने आप को बचाएं और किसी भी प्रलोभन में या किसी लव के चक्कर में न पड़कर अपनी जिंदगी बचाएं।"
बयान
मुस्लिम लड़की हिंदू लड़के से शादी करे तो क्या लव जिहाद नहीं- हसन
अपने बयान में हसन ने ये सवाल भी किया कि जब मुस्लिम लड़की हिंदू लड़कों से शादी करती हैं तो क्या वह भी लव जिहाद माना जाएगा और क्या इसके लिए कोई कानून बनाया गया है।
ट्विटर पोस्ट
सुनें हसन ने क्या कहा
#WATCH 'Love Jihad' is a political stunt...I advise Muslim youth to consider Hindu girls as their sisters. Don't get lured, because a law has been framed under which you can be subjected to tremendous torture. Save yourself don't get into any temptation or love: ST Hasan, SP MP pic.twitter.com/BJm2ZnTkNm
— ANI UP (@ANINewsUP) November 26, 2020
पृष्ठभूमि
क्या है उत्तर प्रदेश का विवादित अध्यादेश?
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार बहला-फुसला कर, जबरन या छल-कपट कर, प्रलोभन देकर या विवाह द्वारा धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए 'उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020' लेकर आई है।
इस अध्यादेश में 10 साल तक की सजा और 25,000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। सामूहिक धर्म परिवर्तन पर 10 साल तक की जेल और 50,000 रुपये तक के जुर्माने की सजा हो सकती है।
प्रावधान
विवाह के लिए धर्म परिवर्तन करने से पहले लेनी होगी जिलाधिकारी की मंजूरी
उत्तर प्रदेश सरकार के इस अध्यादेश में धर्म परिवर्तन करके शादी करने पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाई गई है, हालांकि इससे संबंधित नियमों को बेहद कड़ा कर दिया गया है।
विवाह के लिए धर्म परिवर्तन करने के लिए विवाह से दो महीने पहले जिलाधिकारी को इसकी सूचना देनी होगी और मंजूरी मिलने के बाद ही इस तरह के धर्म परिवर्तन को वैध माना जाएगा। इसका उल्लंघन करने पर तीन साल तक की सजा हो सकती है।