दिल्ली में कैसे ट्रिपल इंजन की सरकार बना सकती है भाजपा?
क्या है खबर?
भाजपा दिल्ली में 27 साल बाद सरकार बनाने जा रही है। विधानसभा चुनावों में उसने 48 सीटें जीतकर आम आदमी पार्टी (AAP) को सत्ता से दूर कर दिया है।
अब भाजपा की नजरें दिल्ली नगर निगम (MCD) के चुनावों पर है। इसी साल अप्रैल में MCD महापौर के लिए चुनाव होना है। भाजपा बहुमत नहीं होने के बावजूद किसी भी हाल में महापौर चुनाव जीतना चाहती है।
आइए जानते हैं संख्या बल किसके पक्ष में है।
स्थिति
अभी नगर निगम में कैसी स्थिति है?
MCD में कुल 250 पार्षद हैं। इनके अलावा दिल्ली के 7 लोकसभा सांसद, 3 राज्यसभा सांसद और 14 विधायक भी महापौर चुनाव में वोट डालते हैं।
वर्तमान में भाजपा के पास 112 और AAP के पास 122 पार्षद हैं।
विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 8 पार्षदों को उम्मीदवार बनाया था और वे सभी विधानसभा चुनाव जीत गए हैं। AAP ने भी 3 पार्षदों को टिकट दिया था और वे भी चुनाव जीत गए हैं।
AAP
AAP ने 3 वोटों से जीता था चुनाव
MCD महापौर का आखिरी चुनाव नवंबर, 2024 में हुआ था। तब AAP के महेश खिंची ने भाजपा के किशन लाल को केवल 3 वोटों से हराकर चुनाव जीता था।
हालांकि, खींची का कार्यकाल केवल 5 महीने का ही है।
चुनाव में 263 वोट डाले गए थे, जिनमें से खिंची को 133 और किशन लाल को 130 वोट मिले थे और 2 वोट अवैध हो गए थे। कांग्रेस पार्षदों ने चुनाव का बहिष्कार किया था।
समीकरण
भाजपा के पक्ष में हो सकते हैं समीकरण
महापौर चुनावों में अब भाजपा के 14 विधायक और 7 लोकसभा सांसद भी वोट डालेंगे। ऐसे में बड़ी संभावना है कि भाजपा MCD महापौर पद पर कब्जा कर ले।
पिछली बार जब चुनाव हुए थे, तब समीकरणों के लिहाज से भाजपा को करीब 120 वोट मिलने थे, लेकिन 130 मिले थे। यानी AAP के 10 पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग की थी।
इससे प्रबल संभावनाएं हैं कि भाजपा AAP से महापौर की कुर्सी भी छीन सकती है।
चुनाव
हर साल अप्रैल में होता है महापौर का चुनाव
MCD महापौर के लिए हर साल अप्रैल में चुनाव होता है। नगर निगम परिषद का कार्यकाल 5 साल का होता है। इसमें विभिन्न वर्गों के 5 प्रतिनिधियों को एक-एक साल प्रतिनिधित्व का मौका दिया जाता है।
पहले साल महिला पार्षद, दूसरे साल सामान्य वर्ग, तीसरे साल अनुसूचित जाति (SC) और चौथे और पांचवे साल में यह पद सामान्य वर्ग के लिए होता है। पिछले चुनावों में AAP ने 250 में से 134 सीटों पर जीत दर्ज की थी।