दिल्ली विधानसभा चुनाव: क्या मध्यमवर्गीय परिवारों के पास है सत्ता की चाबी?
क्या है खबर?
दिल्ली विधानसभा चुनावों में सभी पार्टियां मध्यमवर्गीय परिवारों को साधने में लगी हैं।
आम आदमी पार्टी (AAP) ने तो मध्यम वर्ग के लिए एक अलग घोषणापत्र ही जारी कर दिया है। इसमें केंद्र सरकार से शिक्षा और स्वास्थ्य बजट बढ़ाने और टैक्स में छूट बढ़ाने सहित कई मांगें की गई हैं। पिछले कुछ चुनावों में AAP की जीत के पीछे मध्यमवर्ग की बड़ी भूमिका मानी गई थी।
आइए जानते हैं चुनावों में ये वर्ग कितना अहम है।
मध्यम वर्ग
क्या होता है मध्यम वर्ग?
मध्यम वर्ग की कोई एक परिभाषा नहीं है। अलग-अलग पैमानों पर इस वर्ग को परिभाषित किया गया है।
2022 में पीपुल रिसर्च ऑन इंडियाज कंज्यूमर इकोनॉमी (PRICE) द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में मध्यम वर्ग के परिवार को प्रति वर्ष 5 लाख से 30 लाख रुपये के बीच कमाने वाले परिवार के रूप में परिभाषित किया गया है।
हालांकि, नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (NCAER) ने सालाना 2 से 10 लाख कमाने वाले परिवार को मध्यम वर्ग में रखा है।
संख्या
दिल्ली में कितनी है मध्यम वर्गीय परिवारों की संख्या?
PRICE के मुताबिक, 2020-21 में दिल्ली में 28.26 लाख परिवार मध्यवर्गीय थे। ये दिल्ली की कुल आबादी का 67.16 प्रतिशत है।
लोक फाउंडेशन और सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के 2014 के सर्वे में 64 प्रतिशत दिल्लीवासियों ने खुद को मध्यम वर्ग का बताया था।
2015 विधानसभा चुनावों में लोकनीति-CSDS के सर्वे में 71.6 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने खुद को मध्यम वर्ग का बताया था, जबकि 27.8 प्रतिशत ने उच्च और 43.8 प्रतिशत ने निम्न-मध्यम वर्ग का।
अहमियत
चुनावों के लिहाज से कितना अहम है मध्यम वर्ग?
2024 के लोकसभा और 2020 के विधानसभा चुनाव में आय के हिसाब से तुलना की जाए तो AAP को मध्यम वर्ग के 21 प्रतिशत वोटों का नुकसान हुआ है। वहीं, भाजपा को 11 और कांग्रेस को 12 प्रतिशत का फायदा हुआ है। ये आंकड़े CSDS ने जारी किए हैं।
भाजपा ने 2015 और 2020 के चुनावों के बीच गरीब, निम्न-आय और मध्यम-आय वाले मतदाताओं के बीच अपने और AAP के बीच के अंतर को कम किया है।
मांग
AAP ने मध्यमवर्ग के लिए क्या मांगें की हैं?
अरविंद केजरीवाल ने मध्यम वर्ग के लिए 7 मांगें की हैं।
इनमें शिक्षा का बजट 2 से बढ़ाकर 10 प्रतिशत, उच्च शिक्षा के लिए सब्सिडी और छात्रवृत्ति, स्वास्थ्य बजट भी बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने, स्वास्थ्य बीमे से टैक्स हटाने, इनकम टैक्स की छूट सीमा 7 से बढ़ाकर 10 लाख करने, जरूरी चीजों से GST खत्म करने, वरिष्ठ नागरिकों के लिए पेंशन योजना बनाने और रेलवे में बुजुर्गों को मिलने वाली छूट को फिर से लागू करने जैसी मांगें शामिल हैं।
बयान
केजरीवाल बोले- मध्यम वर्ग देश चलाता है
केजरीवाल ने कहा था, "केंद्र में एक के बाद एक सरकारें सत्ता में आईं। इन सभी ने मध्यम वर्ग को डरा-धमकाकर दबा कर रखा है। ये मध्यम वर्ग के लिए कुछ नहीं करते। जब सरकार को उनकी जरूरत होती है तो वो टैक्स का हथियार इस्तेमाल करती है। बदले में मध्यम वर्ग को क्या मिलता है, कुछ नहीं। मध्यम वर्ग सरकार का ATM बन गया है। मध्यम वर्ग 'टैक्स टेरेरिज्म' का शिकार हो गया है।"