मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने दिया इस्तीफा, अमित शाह से मुलाकात के बाद फैसला
क्या है खबर?
मणिपुर से बड़ी खबर आ रही है। यहां से मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया है।
वे राजधानी इंफाल में राज्यपाल अजय भल्ला से मिले और इस्तीफा सौंप दिया है। इस दौरान भाजपा नेता संबित पात्रा भी उनके साथ मौजूद थे।
इससे पहले बीरेन सिंह आज ही दिल्ली पहुंचे थे और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की थी। वे गृह मंत्री अमित शाह से भी मिले थे।
इस्तीफा
इस्तीफे में बीरेन सिंह ने क्या-क्या लिखा?
राज्यपाल को लिखे पत्र में बीरेन सिंह ने केंद्र सरकार का आभार जताया है।
उन्होंने लिखा, "आपके कार्यालय के माध्यम से केंद्र सरकार से मेरा ईमानदारी से अनुरोध है कि इसे जारी रखा जाए। हजारों सालों से समृद्ध और विविध सभ्यता व इतिहास वाले मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने, सीमा पर घुसपैठ पर नकेल कसने और अवैध अप्रवासियों के निर्वासन के लिए नीति तैयार करने और ड्रग्स और नार्को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सबसे प्रमुख हैं।"
कांग्रेस
कांग्रेस ने दी थी अविश्वास प्रस्ताव लाने की चेतावनी
बीरेन सिंह का इस्तीफा ऐसे वक्त आया है, जब हाल ही में कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की चेतावनी दी थी।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कैशम मेघचंद्र सिंह ने कहा था कि पार्टी कल यानी 10 फरवरी से शुरू हो रहे विधानसभा के सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाएगी।
इसके बाद से ही भाजपा के पूर्वोत्तर प्रभारी संबित पात्रा इंफाल पहुंच गए थे और स्थिति पर नजर बनाए हुए थे।
वजह
बीरेन सिंह ने क्यों दिया इस्तीफा?
भाजपा को डर था कि वो अविश्वास प्रस्ताव हार सकती है।
NDTV के मुताबिक, भाजपा के करीब 12 विधायक नेतृत्व परिवर्तन के लिए दबाव बना रहे थे और करीब 6 विधायक ऐसे हैं, जिनकी स्थिति स्पष्ट नहीं है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि स्पीकर और मुख्यमंत्री के बीच भी मतभेद हैं।
ऐसे में अगर कुछ विधायक भी अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट करते तो सरकार मुश्किल में पड़ सकती थी।
हिंसा
मणिपुर की हिंसा में मारे गए हैं 250 से अधिक लोग
मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच मई, 2023 से हिंसा जारी है, जो हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद भड़क उठी थी।
इस हिंसा के दौरान अलग-अलग घटनाओं में 250 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, 1,500 से ज्यादा जख्मी हुए हैं और करीब 60,000 को घर छोड़ना पड़ा है।
अब तक 500 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हिंसा से चुराचांदपुर, बिष्णुपुर, इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। हिंसा रुक-रुककर जारी है।