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चंडीगढ़ में बहुमत के बाद भी आम आदमी पार्टी हारी, भाजपा की हरप्रीत बबला बनीं मेयर
चंजीगढ़ नगर निगम में बहुमत के बाद भी आम आदमी पार्टी मेयर चुनाव में हारी

चंडीगढ़ में बहुमत के बाद भी आम आदमी पार्टी हारी, भाजपा की हरप्रीत बबला बनीं मेयर

लेखन गजेंद्र
Jan 30, 2025
01:09 pm

क्या है खबर?

चंडीगढ़ के नगर निगम में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के गठबंधन को झटका लगा है। दोनों का गठबंधन बहुमत में होने के बाद भी भाजपा ने मेयर सीट पर कब्जा जमा लिया। भाजपा की हरप्रीत कौर बबला नई मेयर बनी हैं। उनको 36 में से 19 वोट मिले हैं, जबकि गठबंधन की उम्मीदवार प्रेमलता को 17 वोट मिले। क्रास वोटिंग की वजह से AAP को हार का मुंह देखना पड़ा। यह दिल्ली चुनाव से पहले बड़ा झटका है।

ट्विटर पोस्ट

चंडीगढ़ नगर निगम में भाजपा ने मेयर चुनाव जीता

चुनाव

कैसे हारीं गठबंधन उम्मीदवार प्रेमलता?

नगर निगम में मेयर चुनाव के लिए कुल 36 वोट पड़े। इसमें भाजपा के पास सिर्फ 16 पार्षदों का समर्थन, जबकि कांग्रेस के पास 7 और AAP के पास कुल 13 पार्षदों के वोट थे। कुल मिलाकर कांग्रेस-AAP के पास 20 वोट थे, जो चुनाव जीतने के लिए बहुमत के 18 वोटों से अधिक थे। ऐसे देखें तो भाजपा के हारने की पूरी संभावना थी। लेकिन कांग्रेस और AAP पक्ष से 3 पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग कर खेल बिगाड़ दिया।

सत्ता

AAP के हाथ से छीनी सत्ता

पिछले साल यहां AAP की ओर से कुलदीप कुमार टीटा मेयर थे। एक साल के टर्म के बाद जनवरी 2025 के चुनाव में यह सीट अब भाजपा के पाले में चली गई है। अब निगम में वरिष्ठ उपमेयर के लिए भाजपा के लखबीर सिंह बिल्लू और गठबंधन के जसबीर सिंह बंटी के बीच मुकाबला है। उपमेयर के लिए भाजपा की बिमला दुबे और गठबंधन की तरुणा मेहता के बीच मुकाबला है। दोनों पदों के लिए वोटिंग जल्द शुरू होगी।

विवाद

पिछले साल हुई थी वोट की चोरी

30 जनवरी, 2024 को चंडीगढ़ मेयर का चुनाव हुआ था। उस समय भी 20 वोट होने के बावजूद भी AAP-कांग्रेस का गठबंधन हार गया, वहीं 16 वोट होने पर भी भाजपा जीत गई थी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने गठबंधन के 8 वोटों पर खुद निशान बनाकर उन्हें अमान्य कर दिया था। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, तो कोर्ट ने पुराने नतीजों को पलट दिया और 8 वोटों को वैध मानकर AAP उम्मीदवार को विजयी घोषित किया।